आगरा. कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते लाकडाउन होने के बाद जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लोगों से कर्मचारियों को घर पर रहने की छूट देकर पूरी तनख्वाह देने की बात कह रहे हैं तो वहिं दूसरी तरफ आगरा के फतेहपुर सीकरी विधानसभा से विधायक और सूक्ष्म एवम लघु उद्योग राज्यमंत्री की दुकान पर काम करने वाले नौकर ने लाकडाउन के बीच में निकाले जाने पर आत्महत्या कर ली है। इस बीच मृतक नौकर ने अपने परिजनों को वाट्सएप पर किए गए सुसाइड नोट में राज्यमंत्री की पुत्रवधू पर लाकडाउन के बीच में निकाले जाने को सुसाइड की वजह बताया है।
जानकारी के मुताबिक, मेघालय पुलिस के द्वारा आगरा के एडीजी अजय आनन्द को सूचना दी गयी कि आगरा में थाना सिकन्दरा अंतर्गत कारगिल क्षेत्र में स्थित शांति स्वीट्स में काम करने वाले शिलांग के मूल निवासी धीरज थापा नामक युवक द्वारा सुसाइड की बात बताई गई। जब पुलिस जानकारी करने मौके पर गयी तो दुकान की छत से नौकर का शव बरामद हो गया।
आत्महत्या से पहले रिश्तेदारों को वाट्सअप पर किया मैसेज
युवक ने मेघालय शिलांग के अपने रिश्तेदारों को वाट्सएप पर भेजे सुसाइड नोट में लिखा था कि वो पहले शिलांग में चोर था और अपने जीवन को बदलने के लिए वहां से आगरा नौकरी करने आ गया था। यहा पीएम मोदी ने लाकडाउन कर दिया और उसके बाद दुकान की मालकिन जो कि राज्यमंत्री की पुत्रवधू है। आरोप लगाया है कि उन्होंने उसे कहीं भी जाने की बात कह कर निकाल दिया है और अब उसके पास सुसाइड के अलावा कोई और चारा नहीं है। उसने सुसाइड नोट में रिश्तेदारों से अपील की है कि उसके शव को उसके गांव पहुंचवा दें तभी उसे शांति मिलेगी।
पूरे मामले में चौकी प्रभारी अखिलेश कुमार ने बताया है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और उसका मोबाइल लॉक है।जांच कि जा रही है और जांच के बाद ही आगे की जानकारी दी जा सकेगी।
पूरे मामले में राज्यमंत्री उदयभान के प्रवक्ता मनीष थापा का कहना है कि यह युवक पूर्व में चोरी के आरोप में जेल जा चुका था और इसको टीबी की बीमारी थी।मंत्री के परिजनों द्वारा इसका इलाज कराया गया था पर यह परहेज नहीं करता था और मिठाई की दुकान में टीबी का संक्रमण फैल सकता था। इसी के चलते उसे लाकडाउन से पहले ही हटा दिया गया था। अब इस समय जनता कर्फ्यू के दिन से सभी प्रतिष्ठान बंद हैं तो ऐसे में युवक प्रतिष्ठान की छत पर कैसे पहुंचा यह जांच का विषय है।