पश्चिम बंगाल के कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर हमले से देशभर के डॉक्टरों में गुस्सा है। दिल्ली AIIMS सहित देश भर के सरकारी और निजी डॉक्टरों से शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। इसके बाद दिल्ली AIIMS के RDA ने दिनभर हड़ताल पर रखने की घोषणा की है। इससे OPD के अलावा आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होंगी। वहीं, रायपुर AIIMS ने भी गुरुवार शाम को हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने राष्ट्रीय राजधानी में स्थित निजी और सरकारी अस्पताल, क्लिनिक व नर्सिंग होम को पत्र लिखकर देश व्यापी मेडिकल बंद को समर्थन करने की अपील की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के सचिव डॉ. गिरीश त्यागी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ चुकी हैं। एक डॉक्टर कम संसाधनों के साथ 15 से 16 घंटे अस्पताल में बैठ 300 से 500 मरीजों तक का उपचार करता है, लेकिन डॉक्टर को मारपीट का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर हुआ हमला चिकित्सीय क्षेत्र के लिए चिंताजनक है।
वहीं, AIIMS RDA के अध्यक्ष डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों को न्याय दिलाने की जगह उन्हें कानून का हवाला देकर धमका रहीं हैं। देश भर में डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल उठ खड़ा हुआ है। आए दिन अस्पतालों पर हमले, डॉक्टरों से मारपीट जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इसीलिए AIIMS RDA ने फैसला लिया है कि शुक्रवार को दिनभर ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं में तैनात रेजीडेंट डॉक्टर पश्चिम बंगाल में चिकित्सीय हड़ताल का समर्थन करेंगे। साथ ही एम्स परिसर में ही धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सख्ती से कानून लगाने की अपील भी करेंगे। इनके अलावा फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जूनियर डॉक्टर, यूआरडीए सहित डॉक्टरों के तमाम राष्ट्रीय संगठनों ने हड़ताल का फैसला लिया है।