Breaking News

महिलाओं के ख़िलाफ अत्याचार से बेहद नाराज़ हैं उपराष्ट्रपति-कानून का भय और सम्मान होना चाहिए: वेंकैया नायडू

Vice President,India,M.Venkaiah Naidu,expressed,concern,over,disturbing,instances,atrocities,against,women,crime against women,rape,hyderabad,unnao,u.p,Opposition news,oppositionnews,www.oppositionnews.com,Valedictory Function,94th Foundation Course,All India Services,Central Civil Services,Dr. Marri Channa Reddy HRD Institute,
Vice President of India M.Venkaiah Naidu

नई दिल्ली (7 दिसंबर 2019)- उप-राष्ट्रपति एम वंकैया नायडू ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। उप-राष्ट्रपति भवन सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक़ एम. वेंकैया नायडू ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों की परेशान करने वाली घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह समाज के लिए समग्र रूप से आत्मसमर्पण करने और मूल्यों के क्षरण पर विचार करने का समय था। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से सामूहिक प्रयासों के जरिए यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि भारतीय मूल्यों और महिलाओं, बुजुर्गों और सभी मनुष्यों का सम्मान करने की संस्कृति को बहाल किया जाना चाहिए।
उन्होने ये बात हैदराबाद में डॉ. मैरी चन्ना रेड्डी मानव संसाधन विकास संस्थान (एमसीआरएचआरडीआई) में अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सिविल सेवा के अधिकारियों के 94वें आधार पाठ्यक्रम के विदाई समारोह के अवसर पर संबोधित करते हुए कही। उप राषट्रपति नायडू ने हैदराबाद, उन्नाव और देश के अन्य हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा की हालिया घटनाओं पर नाराज़गी एवं चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि एक नया विधेयक लाना या अधिनियम को बदलना एकमात्र समाधान नहीं था। उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक कौशल का प्रयोग करके मौजूदा प्रावधानों को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उप-राष्ट्रपति ने पुलिस विभागों को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए कहा कि कोई भी सूचना या शिकायत पर तुरंत कारवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से जांच, अभियोजन और मुकदमे के समापन की आवश्यकता है ताकि समय पर न्याय दिया जा सके। उन्होंने कहा कि कानून का “भय और सम्मान” दोनों होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति नायडू ने शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों से बच्चों को बड़ों, महिलाओं का सम्मान करने, सांस्कृतिक सभ्यता, भारतीय सभ्यता के मूल्यों को सीखने को भी उनकी शिक्षा के हिस्से के रूप शामिल करने को कहा। उन्होंने यह बताते हुए कहा कि भारत किस गति के साथ प्रगति पथ पर आगे बढ़ेगा, वह यह निर्धारित करेगा कि महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को अधिकारी कितनी कुशलता से प्रबंधित कर आगे बढ़ाते हैं। श्री नायडू ने जोर देकर कहा कि “स्वराज्य” को “सुराज” करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अधिकारियों की ही थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह तभी संभव होगा जब शासन भ्रष्टाचार मुक्त, नागरिक केंद्रित और व्यापार के अनुकूल हो।
उप-राष्ट्रपति ने सिविल सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सरकारों के नीतिगत फैसलों को जमीनी स्तर पर परिणामों में परिवर्तित किया जाना चाहिए। उन्होंने उनसे एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया, जहाँ सभी नागरिक समान अवसर का लाभ उठा सकें और विकास की किरण समाज के सबसे निचले तबके तक पहुँचे। श्री नायडू ने कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण और समावेशी विकास का उद्देश्य, निष्पक्ष, ईमानदार और दृष्टिगत होना एक प्रभावी, उत्तरदायी सिविल सेवक बनने की दिशा में पहला कदम था। सरदार पटेल की भूमिका और योगदान के बारे में बात करते हुए, उप-राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी विकास की दिशा में देश की यात्रा में विभिन्न समूहों को एक साथ लाने के लिए सिविल सेवा को बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बहु-भाषी, बहु-धार्मिक, बहुलवादी समाज में, यह सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। हमारे देश की एकता और अखंडता हमारी नीतियों और कार्यों को तय करने में प्रमुखता से दिखाई देना चाहिए।
उन्होंने युवा अधिकारियों को प्रत्येक व्यक्ति के साथ सम्मान और सहानुभूति के साथ व्यवहार करने की सलाह भी दी। श्री नायडू यह भी चाहते थे कि अधिकारी स्थानीय भाषा सीखें और उनकी भाषा में आम लोगों से बातचीत करें। इस समारोह में लगभग 140 अखिल भारतीय सेवा और 23 राज्यों के केंद्रीय सिविल सेवा के अधिकारी उपस्थित थे, जो 15 सेवाओं से संबंधित हैं, जिनमें आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस, आईआरएस (आईटी), आईआरएस (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क), आईआरटीएस, आईएसएस, आईईएस आदि शामिल है।

About The Author

आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *