वाराणसी. जिले में जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन का आज 8वां दिन है। हर समय गुलजार रहने वाले काशी के घाट पर सन्नाटा पसरा है। मठ-मंदिरों में भी सिर्फ पुजारी आरती-भोग लगा रहे हैं। प्रशासन इस संकट के समय में काशीवासियों की हर संभव मदद कर रहा है। लेकिन लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर नाविकों पर पड़ा है। यहां 20 हजार नाविक बेरोजगार हो गए हैं। इससे एक लाख लोग प्रभावित हैं। सोमवार सुबह डीएम व एसएसपी ने सादे कपड़ों में राशन की दुकानों को चेक किया तो कई लोगों ने सामानों के दामों में 10 से 20 रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी थी। इस पर कई दुकानों को हिरासत में लिया गया है।
जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के मद्देनजर गंगा आरती में आमजनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। साथ ही नौकाविहार पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। नाविक मनोज साहनी ने बताया कि, कारोबार पूरी तरह ठप है। 10 मार्च से ही टूरिस्टों का काशी आना बंद हो चुका था। 22 मार्च से कारोबार पूरी तरह से बंद है। नाविक रोज कमाने खाने वाले लोग थे। परिवार किसी तरह गुजर बसर कर रहा है। ज्यादातर परिवार गंगा किनारे ही रहता है। इनको ठीक से मदद भी नहीं मिल पा रही है।
सोहन मल्लाह ने बताया कि अधिकतर घरों से राशन खत्म हो गए हैं। ऐसे में कुछ दिनों में पैसे भी खत्म हो जाएंगे। दुकानदार उधार समान नहीं दे रहा है। मन्नू साहनी ने बताया कि 76 साल उनकी उम्र है। जीवन में पहली बार वो ऐसा देख रहे हैं, जब जीवन और खाने को संकट है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को लेकर 38 रोडवेज बसें समेत 57 वाहनों से जिले में 3063 यात्री जिले में आए हैं। इनमें से 2555 यात्री अन्य जिलों के थे। इन्हें 49 बसों के जरिए उनके गंतव्य तक रवाना किया गया है। सभी की थर्मल स्कैनिंग की गई है। सभी को 14 दिनों तक क्वारैंटाइन में रखा जाएगा।
डीएम-एसएसपी ने सादे कपड़ों में की चेकिंग, कई दुकान जेल भेजे गए
लॉकडाउन के बीच तमाम दुकानदारों ने रोजमर्रा के सामानों के दाम अचानक बढ़ा दिए हैं। इसकी शिकायत मिलने पर डीएम-एसएसपी सोमवार को सादे कपड़े में चेतगंज थाना क्षेत्र के दलहट्टा, चेतगंज, मंसाराम फाटक आदि इलाको में रोजमर्रा के सामानों की खरीदारी करने पहुंचे। इस दौरान कई दुकानदारों ने उन्हें पहचाना नहीं। ज्यादा मूल्य पर सामान बेच रहे कई दुकानदारों ाके पनुलिस ने हिरासत में लिया है। डीएम कौशलराज ने कहा- इस आपदा काल में जब लोग एक दूसरे की यथा सम्भव मदद के लिए आगे आ रहे हैं तब इस तरह का कृत्य बहुत ही आपत्तिजनक है। आगे भी जो दुकानदार इस तरह से निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर सामान का विक्रय करेगा वो जेल जाएगा।