कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब आससपास के जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज आसानी से हो सकेगा। इसके लिए शासन ने हैलट अस्पताल को कानपुर बुंदेलखंड को सबसे बड़ा हास्पिटल बनाने का फैसला किया है। हैलट कोविड-19 हास्पिटल में तीसरे लेवल के मरीजों का इलाज होगा। कानपुर और बुंदेलखंड के कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को लखनऊ के केजीएमयू और एसजीपीजीआई नहीं भेजा जाएगा। शासन ने सौ-सौ बेड के दो कोविड-19 हास्पिटल बनाने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही 40 नए वेंटिलेटर बनाने का बनाने का फैसला किया गया है।
गुरूवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रचार्य की अगुवाई में बैठक हुई। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि मेटरनिटी विंग में 100 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल के साथ ही न्यूरों सांइस सेंटर में 100 बेड का कोविड-19 हास्पिटल तैयार करने का निर्णय लिया गया है। 20 वेंटिलेटर पहले से ही लगे हैं। 40 नए वेंटिलेटर लगाए जाने का फैसला किया गया है।
40 वेंटिलेटर लगाने की प्रक्रिया शुरू
हैलट प्रमुख अधीक्षक आरके मौर्या के मुताबिक शासन ने हैलट को कोविड-19 थ्री लेवल का दर्जा दे दिया है। यहां पर गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कानपुर बुंदेलखंड में आने वाले जिलों के गंभीर मरीज भर्ती किए जाएगें। 40 वेंटिलेटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है।
काशीराम ट्रामा सेंटर में 90 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। अस्पताल मे जल्द ही कोरोना मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा। कोरोना पेसेंटो के लिए 53 लोगों का मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। मेडिकल स्टॉफ की डयूट्ी 14 दिनों में बदलेगी । 90 आइसोलेशन वार्ड के साथ ही 8 वेंटिलेटर भी है। हालांकि कानपुर के उर्सला को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है।
उर्सला को सेफ हास्पिटल जोन में रखा गया है। मरीजों की जब सख्या जब बढेगी तो यहां भर्ती किए जाएगें। उर्सला को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। उर्सला में एक कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती था जिसकी रिर्पोट निगेटिव आई है।