गाजियाबाद(10 नवंबर 2019)- क्या उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी पर लगातार लग रहे दागों को लेकर सरकार बेफिक्र है। क्या उत्तर प्रदेश पुलिस मुखिया वर्दी पर लग रहे दागों की रोकथाम को लेकर जल्द कोई एक्शन लेंगे। क्या इसी वर्दी का सम्मान करने वाली जनता की सुरक्षा करने वाली पुलिस अपनी छवि को सुधारने की कोशिश करेगी। ये सभी सवाल उठने की कई वजहें हैं। गाजियाबाद की एक महिला पुलिस अफसर पर कई गंभीर आरोप लगे। यहां तक कि बरामद रकम के लाखों रुपए गबन करने की आरोपी इस महिला अफसर सहित कई आरोपियों के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज हुई तो ये फरार हो गई थीं। और बड़े बड़े अपराधियों पर नकेल कसने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस अपने ही अफसरों और कर्मियों को पकड़ने में काफी समय तक नाकाम नज़र आई थी।
महिला पुलिस अफसर के कारनामों की चर्चा थमी भी नहीं थी कि गाजियाबाद के ही थाना इंदिरापुरम में वहां के पूर्व इंचार्ज के ख़िलाफ इसी थाने में एफआईआर दर्ज करनी पड़ गई। आरोप था अपराध को संरक्षण देना और अपराधियों को रिश्वत लेकर मदद पहुंचाने का।
दरअसल सटोरियों को पकड़ने और उनको रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले में इंदिरापुरम थाने के पूर्व थाना प्रभारी दीपक शर्मा, दरोगा दीपक व सचिन के खिलाफ उसी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इतना ही नहीं एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने तीनों को निलंबित कर दिया है। यह मामला 22 और 23 अक्टूबर की रात का है। इंदिरापुरम के तत्कालीन प्रभारी दीपक शर्मा ने इंदिरापुरम क्षेत्र में छापा मारकर कुछ सटोरियों को पकड़ा था, लेकिन उन्हें बिना लिखी पढ़ी करके छोड़ दिया था उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने उन्हें छोड़ने की एवज में 14 लाख रुपए का लेन-देन किया है ।
मामला पुलिस के बड़े अफसरों की जानकारी में आने के बाद एसएसपी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी किशोर कुमार को मामले की जांच सौंपी और दीपक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था । केशव कुमार ने इस मामले की गहनता से जांच की और आरोपों को सही पाया इसके बाद उन्होंने इंदिरापुरम के पूर्व थाना प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। केशव कुमार ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि इस मामले में दीपक शर्मा और कुछ पुलिसकर्मियों ने ना मोटा लेन-देन किया था पुलिस ने इस सिलसिले में चार लाख 6हजार रूपये की नगदी भी बरामद की है। उधर एसएसपी ने आरोप सही साबित होने के बाद दीपक को निलंबित कर दिया है ।
आपको बता दें कि गाजियाबाद में पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं । पिछले दिनों लिंक रोड थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी लक्ष्मी चौहान 70लाख का गबन करने के मामले में भी जेल जा चुकी है। उन्होंने भी कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से अच्छी खासी रकम बरामद की थी लेकिन लिखा पढ़ी 70 लाख रुपय का गबन कर लिया था उनके खिलाफ थाने में एफ आई आर दर्ज कराई गई थी और पिछले दिनों उन्होंने भगोड़ा घोषित होने के बाद मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अदालत में सरेंडर कर दिया था 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
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