नई दिल्ली (2 दिसंबर 2019)- हैदराबाद सीबीआई के स्पेशल जज ने आंध्रा बैंक के चीफ मैनेजर रामाकृष्ण परमहंस को तीन साल की सज़ा और एक लाख पच्चीस हज़ार के जुर्माने का ऐलान किया है। जबकि वी आर माथुर, कंपनी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर को तीन की कै़द और एक लाख रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है। साथ ही संदीप राज नाम के एक शख़्स को तीन साल की कैद की सजा और पचास हज़ार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
सीबीआई ने वर्ष 2000 में आंध्रा बैंक के चीफ मैनेजर के खिलाफ बैंक लोन के नाम पर प्राइवेट लोगों के साथ मिलकर लगभग 1 करोड़ 46 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। जांच के बाद सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी, 420, 468,478 के अलावा कई संबधित धाराओं में 30 मई 2003 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
जबकि एक दूसरे मामले में विशाखापट्टनम के सीबीआई के एडिश्नल स्पेशल जज ने विजया बैंक के मैनेजर एमबी रजनीकांत को दो साल की कैंद और 20 हज़ार के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि विजया बैंक विजयवाडा के असिस्टेंट मैनेजर वाई रामाचंद्रन राव को दो साल की कैद और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही सात अन्य लोगों को दो दो साल की सजा और चार चार हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. ये मामला 2005 का था। जिसमें बैंक के ब्रांच मैनेजर पर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के लोगों के सात मिलकर सात लोगों को हाउस लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की थी। जिसमें फर्जी कागज़ात के आधार पर बैंक को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था।
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