कोराना के बढ़ते महामारी से निपटने के लिए दुनिया ने भारत को एक नई जिम्मेदारी दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एग्जीक्यूटिव बोर्ड का चेयरमैन चुन लिया है। वे जापान के डॉक्टर हिरोकी नाकातानी की जगह लेंगे, जो अभी 34 सदस्यीय बोर्ड के चेयरमैन हैं।
हर्षवर्धन के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद अब विश्वभर में कोरोना वायरस रूपी फैली महामारी से लड़ने के लिए भारत समेत सभी देशों में कितना बेहतर इलाज हो रहा है और कोरोना से लड़ने के वैक्शिन बनाने प्रकिया कहां तक पूरी हुई है इसके बारे में अब भारत को सबसे पहले जानकारी मिलेगी।
आपको बता दें कि हर्षवर्धन अगले एक साल तक चेयरमैन बने रहेंगे। इससे पहले डब्ल्यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया ग्रुप ने तीन साल के लिए भारत को बोर्ड मेंबर्स में शामिल करने पर सहमति जताई थी। अब बताते हैं डॉक्टर हर्षवर्धन को जिस डब्ल्यूएचओ बोर्ड का चेयरमैन चुना गया है वो क्या होती है?
डब्ल्यूएचओ एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 34 सदस्य होते हैं और सभी 34 मेंबर स्वास्थ्य के क्षेत्र के एक्सपर्ट होते हैं। 194 देशों की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली से 3 साल के लिए बोर्ड में चुना जाता है। फिर इन्हीं सदस्यों में से एक-एक साल के लिए चेयरमैन बनता है। बोर्ड का काम हेल्थ असेंबली में तय होने वाले फैसले और नीतियों को सभी देशों में ठीक तरह से लागू करना होता है।