पुणे (2 दिसंबर 2019)- भारत और श्रीलंका की सेनाएं आपस में तालमेल बनाने और शांकि के लिए संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास कर रही हैं। साल 2019 में हो रहे ‘मित्र शक्ति’ युद्धाभ्यास के सातवें संस्करण का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के हिस्से के तौर पर तैनाती के दौरान भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच अंतर सक्रियता एवं परिचालन क्षमता को बढ़ाना है। यह युद्धाभ्यास 01 दिसंबर से पुणे के औंध सैन्य स्टेशन में शुरू हो रहा है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़ इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के आदेशों के तहत शहरी और ग्रामीण परिवेश में उग्रवाद रोधी एवं आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान उप इकाई स्तर के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच सकारात्मक संबंध बनाना और उनको बढ़ावा देना है। यह संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास सैन्य सहयोग और आपसी मेलमिलाप के क्षेत्र में भारत-श्रीलंका संबंधों की ताकत को भी दर्शाता है, जो अंतर सक्रियता और परिचालनात्मक तैयारियों को निखारने के लिए महत्वपूर्ण है।
इस संयुक्त अभ्यास को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की वर्तमान गतिशीलता को व्यावहारिक एवं व्यापक चर्चा और सामरिक अभ्यास के माध्यम से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का प्राथमिक फोकस फील्ड क्राफ्ट, बैटल ड्रिल्स और प्रक्रियाओं के साथ ही निर्बाध अंतर सक्रियता के साथ संयुक्त रूप से काम करने की क्षमता पर भी रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश होने के नाते इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को संयुक्त अभियान, संयुक्त सैन्य एवं राजनयिक जुड़ाव के माध्यम से अत्यधिक लाभ होगा।