
नई दिल्ली/रांची (21 दिसंबर 2019)- देशभर मे रेप दर रेप और आरोपियों के बढ़ते दुस्साहस की ख़बरों के बीच एक राहत की ख़बर भी आई है। तीन साल पहले रांची में इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। सीबीआई मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक़ साल 2016 में हुई इस दर्दनाक वारदात में पकड़ा गया आरोपी राहुल कुमार सबूतों और डीएनए के आधार पर दोषी सिद्द हो गया है। जिसको रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने सज़ा ए मौत सुनाई है।
दरअसल लगभग तीन साल पहले 2016 की यह वारदात में 15 और 16 दिसंबर की रात को रांची के बूटी बस्ती इलाके में इंजीनियरिंग की एक छात्रा को दुष्कर्म के बाद मार डाला गया था। जिसकी एफआईआर सदर थाने मे दर्ज की गई थी। सीबीआई की रिलीज़ के मुताबिक़ जब उसके परिजनों ने विक्टिम से उसके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की तो कोई जवाब न मिलने पर पड़ोसियों से संपर्क किया। वहां जाकर देखने पर लडकी लाश उसके कमरे से बरमाद हुई थी। वारदात के बाद परिजनों औप इलाक़े के लोगों ने पुलिस को सूचित किया,और वहां काफी हंगामा भी हुआ था। कालेज के छात्रों और क्षेत्रवासियों ने दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग करते हुए प्रदर्शन तक किया था। जिसके बाद मामला पुलिस और फिर सीआईडी से होता हुआ जांच के लिए सीबीआई को दे दिया गया था।
जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि इसी इलाक़े मे रहने वाला राहुल कुमार नाम का एक लड़का वारदात के बाद से ही गायब हो गया था। पुलिस ने इसकी काफी तलाश की लेकिन यह नाम और अपनी पहचान बदल कर जगह भी बदलता रहा। लेकिन आख़िरकार उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसको गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड के बाद इसको रांची लाया गया।
इस मामले में मुख्य आरोपी राहुल कुमार को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में तेज़ी से सुनवाई की गई। सीबीआई ने मौक़ा ए वारदात से कलैक्ट किये गये ख़ून आदि के सैंपल और गिरफ्तार राहुल कुमार के डीएनए के मिलान के आधार पर अपनी चार्जशीट तैयार की। जिसमें उसको आईपीसी की धारा 302, 376,449 ऍर 201 का आरोपी बनाया था। कोर्ट ने 302 के में सजा ए मौत और 376 में उम्र कैद की सजा का भी ऐलान किया है। सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई के बाद शुक्रवार को दोषी करार दिया और शनिवार को इसको फांसी की सजा और 5000- रुपय के जुर्माने की सज़ा सुनायी है। सीबीआई की रिलीज़ के मुताबिक यह मामला झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर उसको 28 मार्च 2018 को जांच के लिए सौंपा गया था।