श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुए बम धमाकों में क्रिप्टोकरंसी ने बड़ी भूमिका निभाई है। ये जानकारी इजायल ब्लॉकचेन खुफिया फर्म व्हाइटस्ट्रीम ने दी है। इन बम धमाकों में अधिकतर आत्मघाती थे, जिन्होंने चर्च और पांच सितारा होटलों को निशाना बनाया। जिसमें करीब 250 लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक लोग घायल हुए।
एजेंसी ने खुलासा किया है कि वैश्विक आतंकी संगठन आईएस ने कनाडा आधारित भुगतान गेटवे ‘कॉइनपेमेंट्स’ का उपयोग बिटकॉइन को कागजी मुद्रा में बदलने के लिए किया। फर्म को पता चला है कि बड़े पैमाने में ट्रांजेक्शन किए गए थे। ये ट्रांजेक्शन आईएस के सदस्यों के खातों में किया गया था।
व्हाइटस्ट्रीम का कहना है कि पेमेंट कंपनी के खाते में ईस्टर बम धमाकों से ठीक एक दिन पहले मौजूदा राशि पांच लाख डॉलर से बढ़कर 45 लाख डॉलर हो गई। वहीं कंपनी का बैलेंस हमले के एक दिन बाद दोबारा पांच लाख डॉलर पर आ गया।
कंपनी ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि बड़ी मात्रा में लेनदेन हुआ है। हालांकि कंपनी ने आतंकवादी समूहों के साथ पैसे के लिंक के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया है।
व्हाइटस्ट्रीम का कहना है कि कंपनी ने ये बात तो स्वीकार की है कि उसके वॉलेट का इस्तेमाल हुआ था, लेकिन उसने इसके आईएस से जुड़े होने की बात से इनकार कर दिया है। ऐसा हो सकता है कि कंपनी को इस बारे में ना पता हो कि उसके वॉलेट का इस्तेमाल किया गया था, क्योंकि आईएस शेल कंपनियों का अधिकतर इस्तेमाल करता है।
व्हाइटस्ट्रीम कंपनी का कहना है कि वह बीते दो सालों से आईएस से जुड़े बिटकॉइन वॉलेट की निगरानी कर रही है। इसी दौरान कंपनी ने ऐसे बिटकॉइन वॉलेट पर ध्यान दिया, जिसे सबसे अधिक दान मिल रहा था। व्हाइटस्ट्रीम का कहना है कि आईएस के आतंकियों ने बड़े पैमाने पर पैसे के लेनदेन के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया है।
इससे पहले व्हाइटस्ट्रीम ने फरवरी में कहा था कि बिटकॉइन के ही इस्तेमाल से हमास जैसे संगठनों को भी पैसा मिलता है। जिसमें इसी कॉइनपेमेंट्स कंपनी का हाथ है। हमास फिलिस्तीन स्थित सुन्नी-इस्लामवादी कट्टरपंथी समूह है।