पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव के बाद पहली बार 2200 सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान रवाना होगा। बैसाखी के उपलक्ष्य में पाक ने ये वीजा जारी किया हैं। अटारी से तीन स्पेशल ट्रेन के माध्यम से श्रद्धालु पाकिस्तान जाएंगे। लगभग 839 श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जाएंगे। जत्थे में शामिल श्रद्धालु गुरुद्वारा पंजा साहिब और गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब के साथ-साथ बाकी ऐतिहासिक गुरुद्वारों के श्रद्धालु दर्शन करेंगे। इन्हें एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुंदरी हाल से रवाना किया जाएगा। वहीं श्रद्धालुओं ने पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जाने पर खुषी जाहिर की है और कहा की भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर होने चाहिए ताकी लोग पाकिस्तान से भारत और भारत से पाकिस्तान दर्षनों के लिए आ जा सके।
श्रद्धालु बैसाखी के पावन पर्व पर सजने वाले धार्मिक दीवान में 14 अप्रैल को हिस्सा लेंगे। 15 अप्रैल को श्रद्धालु ननकाना साहिब पहुंचेंगे। दो दिन यहां ठहरने के बाद श्रद्धालु डेरा सच्चा सौदा के दर्शन करने के बाद गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब लौट आएंगे। जत्था 18 अप्रैल को लाहौर स्थित गुरुद्वारा डेरा साहिब और 19 अप्रैल को गुरुद्वारा रोड़ी साहिब एमनाबाद और गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करेगा और 21 अप्रैल को अपने वतन लौटेगा। वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि पाकिस्तान में धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए वीजा के लिए बड़ी परेषानी उठानी पड़ती है और भारत पाकिस्तान के हालातों की वजह से अक्सर ऐसा होता है।
आपको बता दें की श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व से पहले पाकिस्तान जाने वाला यह पहला जत्था है। एसजीपीसी जत्थे के नेता रविंदर सिंह खालसा प्रकाश पर्व पर आयोजित किए जाने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के बारे में पाकिस्तान सरकार द्वारा नवगठित पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। साथ ही पाकिस्तान पंजाब के गवर्नर भी गुरुद्वारा पंजा साहिब और गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में आयोजित धार्मिक समारोह में हिस्सा लेंगे। पाकिस्तान पंजाब के गवर्नर श्रद्धालुओं के सामने करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण और श्री ननकाना साहिब में रेलवे स्टेशन के निर्माण के बारे में घोषणा भी कर सकते हैं। पाकिस्तान द्वारा भारत के सिख तीर्थ यात्रियों को वीजा जारी किया जाना और श्रद्धालुओं का पाकिस्तान जाना दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।