ग़ाज़िया
बाद/लखनऊ (16 मार्च 2018)- क्या उत्तर प्रदेश में हुए हाल के उप चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली दो सीटों ने अखिलेश ब्रिगेड का हौंसला बढ़ा दिया है या योगी और बीजेपी के सिपहसालार बैकफुट पर आ गये हैं । दरअसल ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि उत्तर प्रदेश में भले ही योगी आदित्नाथ की कमान वाली बीजेपी की सरकार हो लेकिन प्रदेश की पहली और कई सौ करोड़ रुपए की लागत से बनी एलिवेटेड रोड का शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने न सिर्फ उद्घाटन कर दिया है बल्कि ये मैसेज भी देने की कोशिश की है कि दिल्ली एनसीआर और ख़ासतौर से गाजियाबाद की जनता को ये तोहफा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही दिया था। हांलाकि ख़बर ये भी है कि गाजियाबाद प्रशासन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। इस बारे में गाजियाबाद की जिलाधिकारी से फोन पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन हर बार शायद काम की अधिकता और ज़िम्मेदारियों के चलते उनका फोन व्यस्त ही पाया गया है।
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार का दिन गाजियाबाद समाजवादी पार्टी के नाम रहा। गाजियाबाद में लगभग 11 सौ करोड़ की लागत से बनने वाली सूबे की पहली एलिवेटेड रोड का समाजवाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जबरन उद्घाटन कर दिया। इन लोगों का कहना था कि यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा जनता के लिए लाई गई थी। लेकिन जनता के टैक्स से बनने वाली योजना के पूरा होने के बाद भी इसको जनता के लिए नहीं खोला जा रहा था। ऐसे में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनता के हित में इस रोड का उद्घाटन कर दिया है। इस मौक़े पर एमएलसी राकेश यादव, जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मुन्नी ,महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी, सतोंष यादव और हज़ारो कार्यकर्ता मौजूद रहे। हांलाकि ख़बर ये भी है कि प्रशासन ने इस मामले को गंभीर मानते हुए 4 लोगों को हिरासत में लिया है।
उधर इस बारे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी से जब फोन पर बात की गई तो उन्होने बताया कि जनता की गाढी कई से दिये गये टैक्स से बनी सड़क को अगर जनता के इस्तेमाल के लिए समय से खोला ही नहीं जाएगा तो ऐसे नतीजे सामने आएंगे। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता के हितों के लिए संघर्ष करना जानती है, और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनता के हित में यह क़दम उठाया है।
इस बारे में गाजियाबाद की जिलाधिकारी से फोन पर कई पर बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन शायद बेहद काम के बोझ और व्यस्तता या फिर समाजवादी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रशासन को दिखाए गये ठेंगे की वजह से उनका फोन हर बार व्यस्त रहा, और न ही शायद उनको जनता की फरयाद या किसी के बार फोन पर रिपलाई करने की आदत है, यानि उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।