क़ुरान में साफ लिखा है कि व तु इज्जो मनसशा …कि अल्लाह जब चाहे किसी को भी इज्जत अता कर सकता है और जब चाहे किसी को ज़लील कर सकता है और वो हर बात पर क़ादिर है…ये सच्चाई एक बार फिर साबित हुई
महज़ 21 साल की उम्र में पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी यानि यूनियन पब्लिक एग्जा़म पास करने वाली औऱ लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवा चुंकीं झारखंड़ की पावरफुल आईएएस पूजा सिंहल आख़िरकार करप्शन के लपेटे मे आकर गिरफ्तार कर ली गई हैं। कभी सत्ता की पहचान मानी जाने वाली पूजा सिंहल के अर्श से फर्श तक के इस सफर पर गौर करें तो कई चौंकाने वाले राज़ सामने आते हैं…सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि आज जिस पूजा सिंहल का झारखंड के सीएम हेमेंत सोरेन का खास बताने की कोशिश की जा रही है वही पूजा सिंहल पहले से ही सरकार चाहे किसी की रही हो लेकिन वो चहेती सभी की थी। बहरहाल झारखंड़ की ताक़तवर आईएएस पूजा सिंघल करप्शन जैसे कई संगीनों आरोपों के बाद फिलहाल सलाखों के पीछें हैं और अब उनका रुतबा कितना बचा है और दोबारा क्या वो अपने मुक़ाम को पा सकेंगी इससे भी अहम सवाल ये है कि आख़िर हर सरकार में चहेती रहीं आईएएस पूजा सिंहल पर ईडी से शिकंजा कसने के लिए क्या रणनीति इख्तियार की…आइए इसकी करते हैं पड़ताल..
ईडी यानि एंनफारोस्मेंट डॉयरेक्ट्रेट ने करप्शन के गंभीर आरोपों से घिरीं पूजा सिंघल से मंगलवार को करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। कभी झारखंड में ताकत़ का दूसरा नाम माने जाने वाली जिस पूजा सिंहल पर कभी परिवार, साथी और दोस्त फख्र करते थे उन्ही पूजा सिंहल का नोट कमाने का लालच और ताक़त के नशे की मदहोशी इतनी भारी पड़ गई है कि उनकी इज्जत, साख और करियर तक दांव पर लग गये हैं। दरअसल झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल की प्रवर्तन निदेशालय के हाथों गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर साफ हो गया है कि काले कारमानों का रास्ता सलाखों के पीछे ही जाकर ठहरता है। कभी वैश्य समाज की शान समझी जाने वाली पूजा सिंहल से ईडी मनरेगा फंड के कथित गबन जैसे कई दूसरे इल्जामों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में रांची में पूछताछ कर रहा था। इस गिरफ्तारी के बाद न सिर्फ पूजा सिंहल बल्कि उनके पति अभिषेक, उनके सीए सुमन कुमार और झारखंड सरकार के पूर्व जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा का काले साम्राज्य का किला ढेर हो गया है।
ईडी ने बेहद प्रोपेश्नल तरीके से उनके ब्योरोक्रेट पति, उनसे जुड़ी संस्थाओं और अन्य के खिलाफ छह मई को झारखंड और कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद पूछताछ की थी। सुत्रों की माने तो छापेमारी में सैंकड़ो करोड़ की सप्पति लगभग 20 करोड़ रुपये नगदी के अलावा चार एसयूवी- एक जगुआर, एक फॉर्च्यूनर और दो होंडा ब्रांड की कारें भी जब्त की हैं – जो मनीलाड्रिग यानि धनशोधन रोधी कानून के तहत गिरफ्तार सीए सुमन कुमार या उससे जुड़े व्यक्तियों के नाम पर थीं।
आईएएस पूजा सिंघल एवं दूसरे लोगों के खिलाफ यह मामला मनीलांड्रिंग यानि धनशोधन से जुड़ा है, जिसमें झारखंड सरकार के पूर्व जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को ईडी ने 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था। उससे पहले उसके खिलाफ राज्य सतर्कता ब्यूरो की एफआईआर के बाद 2012 में एजेंसी द्वारा पीएमएलए ऑफ मनीलांड्रिग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शर्मनाक बात ये है कि देश को चलाने के नाम पर खड़ी ब्योरोक्रेसी का एक अहम पार्ट रहीं पूजा सिंहल के काले कारनामों का खेल कोई एक दिन पुराना नहीं और न किसी एक सरकार के कार्यकाल का। पूरे मामले की पड़ताल के बाद ये बात सामने आई कि आईएएस पूजा सिंहल का बेहद करीबी माना जाने वाला राम विनोद सिन्हा पर एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करते हुए कथित तौर पर जनता के पैसे की धोखाधड़ी करके उसे अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश करने का आरोप है। इसके अलावा गरीबों के लिए संजीवनी माने जाने वाली और कांग्रेस द्वारा लागू की गई मनरेगा यानि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिसके बारे में संसद से लेकर मीडिया के गलियारों तक में कांग्रेस और बीजेपी में सियासी घमासान मचा ,लेकिन पूजा सिंहल के नजदीकियों ने गरीबों की इस योजना तक को करप्शन करने से नहीं बख्शा। इल्जाम ये भी है कि इस मामले में जिला प्रशासन को पांच प्रतिशत कमीशन (धोखाधड़ी में से) का भुगतान किया है। ऐसा भी नहीं है कि कभी ताक़त तो कभी करप्शन का पर्याय माने जाने वाली देश की नामी आईएएस पूजा सिंहल का नाम अचानक ही घोटालों से जुड़ गया हो। दरअसल सरकार किसी भी रही हो लेकिन पूजा सिंघल शायद ये जानती थी कि सरकार को कैसे हैंडल किया जाता है और मलाईदार पोस्टिंग कैसे हासिल की जाती है। मीडिया में चर्चा है कि पूजा सिंघल के सभी राजनैतिक पार्टियों और स्थानीय नेताओं से अच्छे रहे । कहा तो यहां तक जाता है कि उन पर नेताओं की मेहरबानी भी काफी विवादित रही है। सरकार किसी की भी रही हो पूजा सिंघल हमेशा मलाईदार पदों पर तैनात रहीं। फिर चाहें भारतीय जनता पार्टी की अर्जुन मुंडा की सरकार हो या रघुबर दास वाली। पूर्व सीएम रघुबर दास की सरकार में वह कृषि विभाग की सचिव थीं। इसके अलावा मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन सरकार में भी उन्हें खदान, उद्योग, जेएसएमडीसी अध्यक्ष जैसे विभागों की जिम्मेदारी मिली। पहली बार आईएएस बनने के बाद पूजा सिंघल की तैनाती झारखंड के हजारीबाग में हुई। जिसके बाद साल 2009 में उनको खूंटी जिले में जिम्मेदारी दी गई । जबकि 16 फरवरी, 2009 से 14 जुलाई, 2010 के दौरान उन पर मनरेगा फंड से 18 करोड़ की हेराफेरी के आरोप लगे। वहीं भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को संरक्षण प्रदान करन का आरोप भी सिंघल पर रहा। चतरा में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए छह करोड़ रुपये के मनरेगा फंड में हेराफेरी में उनका नाम सामने आया।
लेकिन इतना सब कुछ होते हुए और सरकार से लेकर ब्योरोक्रेसी तक में मजबूत पैठ बना चुंकी आईएएस पूजा सिंघल रातों रात चूहे की तरह सलाखों के पीछे पहुंचा दी गई ये भी एक दिलचस्प कहानी है। दरअसल दिल्ली से ही पूजा सिंघल पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली गई है। अपनी फूलप्रूफ प्लानिंग के तहत ईडी की टीम ने इस कार्रवाई की भनक रांची पुलिस को भी नहीं लगने दी। और तो और जांच में मदद के लिए ईडी यानि एनफोर्समेंट डायरेर्केट ने सरकार की कमान में काम करने वाली स्थानीय झारखंड पुलिस के बजाय सीआईएसएफ और सीआरपीएफ पर भरोसा जताया और उसे ही तमाम कार्रवाई के दौरान साथ में रखा। हम आपको याद दिला दें कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम ने उनके अलग-अलग ठिकानोंल पर छापामारी करके 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की। यह कार्रवाई खूंटी के मनरेगा घाटाले से जुड़ी है। ईडी ने उसने जुड़े 18 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे। सूत्रों के मुताबिक़ प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार रात ही रांची पहुंच गई थी। देर रात टीम एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी कार्यालय में रुकी और यहीं से छापेमारी का पूरा खाका तैयार किया गया। शुक्रवार सुबह होते ही ईडी की टीम पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पल्स अस्पताल पहुंच गई। इसके अलावा रांची में उनके अन्य ठिकानों पर भी पहुंची। जांच में सहायता के लिए ईडी ने सीआईएसएफ और सीआरपीएफ पर भरोसा जताया और उसे साथ लिया। स्कूल बस, कार व अन्य वाहनों से ईडी के अधिकारी संबंधित जगहों पर पहुंचे, वहीं पल्स अस्पताल को सीआरपीएफ अधिकारियों ने घेर लिया। इसके अलावा अधिकारी पूजा सिंघल के आवास पर भी पहुंचे। दरअसल सिंघल के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने एक शिकायत फरवरी 2022 में ईडी से की थी पूजा सिंघल अपनी मर्जी से रेत खनन के लिए ठेके अपने पसंद के ठेकेदारों को ही दे रही हैं। #puja_singhal_ias #pujasinghal #iaspujasinghal #pujasinghalarrested #puja_singhal_ias_arrested #azadkhalid
