अहमदाबाद/
नई दिल्ली (16 जनवरी 2018)- विश्व हुंदु परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष और फायर ब्रांड नेता प्रवीण तोगड़िया का मीडिया के सामने रोना हो सकता है कुछ लोगों को अटपटा लगे। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि प्रवीण तोगड़िया कम से कम जज लोया, सोहराबुद्दीन शेख, कौसर बी और तुलसी प्रजापति से ज़्यादा सौभाग्यशाली है। क्योंकि लोगों का मानना है कि प्रवीण तोगड़िया कम से कम से अपने जीते जी अपना डर तो सबके सामने लाने में सफल तो रहे।
दरअसल काफी देर तक ग़ायब रहने और हाइप्रोफाइल सुरक्षा से घिरे विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मौजूदा सरकार पर बड़े सवाल खड़े किये हैं। सोमवार को लापता होने के बाद अस्पताल पहुंचे प्रवीण तोगड़िया मंगलवार को मीडिया के सामने सीधे तौर पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उनका सीधा निशाना केंद्रीय जांच एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि सेंट्रल आईबी पर रहा। उनका आरोप है कि आईबी लगातार उन्हें डराने की कोशिश कर रही है।
तोगड़िया का कहना था कि मैनें 10 हज़ार डॉक्टर्स को किसी ख़ास सेवा के लिए तैयार किया था लेकिन सेंट्रल आईबी उन डॉक्टर्स से न जाने क्यों पूछताछ कर रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आख़िर फायर ब्रांड और सांप्रदायिकता के आरोपों से घिरे तोगड़िया आख़िर दस हजार डॉक्टरों से कौन सी विशेश सेवा लेना चाहते हैं। लोगों के मन में सवाल हैं कि कहीं इनको किसी धर्म विशेष के लोगों के लिए तो तैयार नहीं किया गया है। तोगड़िया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोते हुए कई ऐसे दावे किए जो सीधे तौर पर केंद्र की मोदी सरकार की तरफ इशारा कर रहे थे। प्रवीण तोगड़िया ने राम मंदिर और हिंदुओं की आवाज उठाने के लिए परेशान किए जाने की साजिश का भी आरोप लगाया।
दरअसल प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि मेरी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होने कहा कि कई साल से मैं हिंदुओं की आवाज उठाता रहा हूं और हिंदू एकता के लिए प्रयास करता रहा हूं, मैं राम मंदिर, गोहत्या पर पाबंदी जैसे मुद्दों को हिंदुओं की तरफ से उठाता रहा हूं। प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि मैंने देश में 10 हजार डॉक्टर बनाए और सेंट्रल आईबी ने उनके घरों पर जाकर डराना शुरू कर दिया है। उन्होने कहा कि मैंने केंद्र सरकार को इस बारे में पत्र भी लिखा था, लेकिन आज तक उसका कोई जवाब नहीं आया। प्रवीण तोगड़िया ने मीडिया को बताया कि कल यानि सोमवार को मैं कार्यालय में था, और मेरे मोबाइल पर फोन आया कि राजस्थान पुलिस का काफिला आ रहा है, गुजरात पुलिस उन्हें सहयोग कर रही है। इस पर मैंने राजस्थान की सीएम और गृह मंत्री को फोन किया तो उन्होंने कहा ऐसी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन आज सुबह क्राइम के चीफ ने मुझे बताया कि राजस्थान पुलिस ही उनकी गिरफ्तारी के लिए आई थी। प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और आईजी को पुलिस आने की जानकारी नहीं थी तो इसका मतलब ये सब कुछ किसके इशारे पर हो रहा था। प्रवीण तोगड़िया ने ये पूछे जाने पर कि उनके खिलाफ कौन साजिश कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि वो सबूतों के साथ समय आने पर इसका जवाब देंगे।
दिलचस्प बात ये है कि कभी देश की राजनीति को सांप्रदायिकता में धकेलने की ताक़त रखने वाले प्रवीण तोगड़िया प्रेस कॉंफ्रेंस में अपने कार्यकर्ताओं को शांति बनाए रखने और क़ानून व्यवस्था को न बिगाड़ने की अपील करते देखे गये।
दिलचस्प बात ये है कि जिस सरकार के गठन या जिस ख्वाब के लिए प्रवीण तोगड़िया ने कथित तौर पर समाज को तोड़ने की भरसक कोशिश की उसी सरकार में उनको अपनी जान को ख़तरा पैदा हो रहा है। साथ ही विश्व हिंदु परिषद यानि कथिततौर पर हिंदुओं के सबसे संघठऩ के इंटरनेश्नल अध्यक्ष को कथिततौर पर हिंदु समर्थन से बनी केंद्र और राज्य की सरकार में जान के लाले पड़ गये और उनको मीडिया के सामने रोना धोना पड़ गया है।
लेकिन ये चर्चा भी गर्म है कि जब तोगड़िया जैसे लोगों को अपने एनकाउंटर का डर सता रहा है, तो भला इशरत जहां, सोहराबुद्दीन शेख, कौसर बी, प्रजापति जैसे लोगों की बिसात क्या रही होगी? कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि जब हरेन पांड्या जैसे लोग नहीं बच पाए, जज लोया की संदिग्ध मौत की जांच तक नहीं हो पा रही तो भला ये कौन समझे कि सब क्या चल रहा है। लेकिन कई लोग ये भी मान रहे हैं कि कम से कम तोगड़िया इन लोगों से तो ज्यादा भाग्यशाली है, कि अपनी बात तो रख पाए।