ग़ाज़ियाबाद(14 नवंबर 2019)- आधूनिक दौर में विज्ञान के दम पर चांद पर पहुंचने की चर्चाओं के बीच प्रदूषण जैसी ख़तरनाक समस्या बेक़ाबू होती जा रही है। दिल्ली एनसीआर में लगातार हवा की क्वालिटी साबित कर रही है कि सरकारी मशीनरी लाचार है और हर साल, और हर समस्या की तरह की तरह सिर्फ समस्या के खड़े होने पर शोर मचाने के सिवा कुछ नहीं किया जा रहा। जी हां हर साल आने वाली बाढ़ की तरह लगता है कि अब दिल्ली एनसीआर में वायू प्रदूषण पर एक निश्चित समय पर शोर भी मचेगा और सरकारी धन का बेतहाशा खर्चा भी होगा और कुछ ही दिनों के बाद अगले साल के लिए फिर फाइलें बंद भी कर दिया जाया करेंगी।
प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार, एनजीटी, दिल्ली सरकार, हरियाणा सरकार और पंजाब और यहां तक कि उत्तर प्रदेश सरकार भी हर साल कोशिश के नाम पर बड़े बड़े दावे करती है। लेकिन सच्चाई यही है कि स्कूलों की छुट्टी ऑड ईवन और पराली की चर्चाओं के अलावा शायद कुछ भी ठोस नहीं हुआ। जिसका सबूत है, पिछले साल की तरह इस बार भी माननीय सुप्रीम कोर्ट को सरकारों को न सिर्फ लताड़ना पड़ा बल्कि कई गंभीर सवाल भी उठाने पड़े।
सरकारों की नाकामी का सबूत यह भी है कि दिल्ली एनसीआर के स्कूल दोबारा इसलिए बंद कर दिये गये कि यहां कि हवा में बेहद प्रदूषण है। लेकिन सवाल ये भी है कि क्या स्कूल न जाने वाले बच्चों को घर पर या घर के आसापस के ख़तरों को लेकर सरकार ने कुछ किया। साथ ही अगर पराली हरियाणा और पंजाब में जलाने से दिल्ली की हवा ख़राब हो रही है तो फिर ऑड ईवन सिर्फ दिल्ली मे ही क्यों। उधर पिछले साल जितना पैसा ऑड ईवन पर ख़र्च हुआ। उसका कितना लाभ मिला।
बहरहाल इन्ही तमाम सवालों के बीच गाजियाबाद से भी प्रदूषण को लेकर अच्छी ख़बर नहीं आ रही है। दिल्ली -एनसीआर समेत पूरे गाजियाबाद में प्रदूषण का लेबल लगातार बढ़ रहा है पूरे गाजियाबाद में अभी भी स्मॉग छाया हुआ है जिस कारण लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। डॉक्टर्स की सलाह है कि बाहर मास्क पहनकर ही लोग निकलें ।
बुधवार की शाम को चार बजे गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स लेबल गुरुवार की सुबह को एयर क्वालिटी इंडेक्स लेबल 486 पहुंच गया था। जबकि बुधवार की शाम को 4 बजे 462था । गुरुवार को शाम चार बजे 486रिकॉर्ड किया गया। नोएडा में 486 और ग्रेटर नोएडा में 467पर पहुंच गया।
इतना ही नहीं गाजियाबाद के चार प्रदूषण जांच सेंटरों पर भी प्रदूषण बढ़ा हुआ है ।आज सुबह गाजियाबाद के चार प्रदूषण जांच सेंटरों की बात करे तो वसुंधरा में 489, , इंदिरापुरम में 478, संजय नगर में 481 तथा लोनी में 481 रहा। आपको बता दें कि ईपीसीए के आदेश के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने 14 व 15 नवम्बर को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था। जिसके बाद सभी स्कूलों में अवकाश रहा और साथ ही कोयले से चलने वाले उद्योग व स्टोन क्रेशर व बिल्डिंग निर्माण के कार्यों व प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग बंद रखने के निर्देश दिए गए है । साथ ही प्रदूषण फैलाने के मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
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