नई दिल्ली(08 नवंबर 2019)- बाबा नानक देव के बड़े आशीर्वाद का इंतज़ार कर रहे सिख समाज का सपना पूरे हो रहा है। गुरु नानक देव जी से जुड़े करतारपुर के दर्शन करना अपने बेहद आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार यानि 9 नवम्बर को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे की चैकपोस्ट का उद्घाटन करेंगे। पीआईबी द्वारा जारी रिलीज़ के मुताबिक़ इससे पहले प्रधानमंत्री सुल्तानपुर लोधी में बेर साहेब गुरुद्वारा में अरदास करेंगे और इसके बाद डेरा बाबा नानक में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
करतारपुर गलियारे की चैक पोस्ट के शुरू हो जाने से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहेब जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। गौरतलब है कि डेरा बाबा नानक के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जीरो-प्वॉइंट पर करतारपुर साहेब गलियारा तैयार करने के लिए भारत ने 24 अक्टूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ समझौता किया था। स्मरण रहे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में और पूरी दुनिया में श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक 550वें प्रकाश पर्व को भव्य रूप में मनाने के लिए 22 नवम्बर, 2018 को प्रस्ताव पारित किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर साहेब गलियारे के निर्माण और विकास को मंजूरी दी थी, ताकि पूरे वर्ष गुरुद्वारा दरबार साहेब करतारपुर जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा प्राप्त हो सके।
श्रद्धालुओं के लिए मुहय्या सुविधाओं की बात करें तो भारत सरकार ने इस बारे में व्यापक तैयारियां की हैं। इसके तहत डेरा बाबा नानक को अमृतसर – गुरदासपुर राजमार्ग से जोड़ने के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन वाला 4.2 किलोमीटर लम्बा राजमार्ग बनाया गया। इसके अलावा 15 एकड़ जमीन पर शानदार यात्री टर्मिनल भवन बनाया गया है, यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसका निर्माण हवाइअड्डे की तरह किया गया है। यहां 50 आव्रजन काउंटर हैं, जो प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को सेवा प्रदान करेंगे। मुख्य इमारत में शौचालय, सहायता केंद्र, बच्चों के लिए सुविधा, प्राथमिक उपचार सुविधा, प्रार्थना कक्ष, अल्पाहार काउंटर आदि मौजूद हैं।
साथ ही सुरक्षा को लेकर भी ख़ासी तैयारियां की गई है। मजबूत सुरक्षा के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था है तथा जन सूचना प्रणाली लगाई गई है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है।
समझौते के तहत सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। श्रद्धालुओं के पास केवल वैधानिक पासपोर्ट होना चाहिए। भारतीय मूल के लोगों के लिए अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड रखना आवश्यक होगा। गलियारा सूर्योद्य से सूर्यास्त तक खुला रहेगा। सुबह जाने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन वापस लौटना होगा। केवल अधिसूचित दिनों को छोड़कर गलियारा पूरे साल खुला रहेगा, जिसकी सूचना अग्रिम रूप से दे दी जाएगी। श्रद्धालुओं को अकेले या समूह में अथवा पैदल जाने की छूट होगी। यात्रा तिथि के 10 दिन पहले भारत श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को सौंपेगा। यात्रा तिथि के 4 दिन पहले श्रद्धालुओं को यात्रा की पुष्टि की सूचना प्राप्त हो जाएगी।
उधर पाकिस्तान की तरफ से भारत को आश्वासन दिया है कि ‘लंगर’ और ‘प्रसाद’ का पर्याप्त प्रबंध किया जाएगा।
पंजीकरण के लिए एक पोर्टल बनाया गया है जिसमें श्रद्धालुओं को अपने यात्रा के विषय में prakashpurb550.mha.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा। यात्रा तिथि से 3 से 4 दिन पहले पंजीकरण की पुष्टि श्रद्धालु को एसएमएस और ई-मेल के जरिये कर दी जाएगी। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक ट्रेवल ऑथराइजेशन (ईटीए) भी तैयार हो जाएगा। श्रद्धालु को पासपोर्ट के साथ ईटीए ले जाना आवश्यक होगा।
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