तो क्या आमिर ख़ान बदल गये हैं …? या पीएम मोदी अब आमिर को अच्छे लगने लगे हैं…? या अब आमिर ख़ान का डर ख़त्म हो गया है…? जबकि पहले आमिर ख़ान और उनकी पत्नी को मोदी राज में डर लगता था…! तो क्या मोदी जी ने, उनकी सरकार ने आमिर के डर को निकाल दिया है…? या फिल आमिर ख़ान ने अपना चश्मा ठीक करवा लिया है या मोदी और मोदी सरकार को देखने समझने का नज़रिया बदल लिया है…?
दरअसल ये तमाम सवाल अचानक ही लोगों के मन में नहीं आ रहे …! दो ही दिन पहले बॉलीवुड की कई हस्तियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की और तो और उनके साथ सेल्फी तक खिंचवाकर ये बता दिया कि उनकी काफी नज़दीकियां है, देश के प्रधानंमंत्री जी से…!हांलाकि इस मुलाक़ात में कुछ ऐसे नाम नहीं थे, जो कभी मोदी भक्ति में लीन बताए जाते थे…! यहां तक कि नरेंद्र मोदी की बायोपिक में मोदी बनने वाले विवेक ओबराय को भी कहा जाता है कि इनवाइट नहीं किया गया…!
लेकिन सबसे ख़ास बात रही किंग ख़ान कहे जाने वाले शाहरुख के साथ मिस्टर परफेक्शन आमिर ख़ान वहां न सिर्फ पीएम मोदी के साथ दिखे बल्कि बाद में उन्होंने काफी ख़ुशी का इज़हार कर करते हुए मोदी की जमकर तारीफ की…! आमिर ख़ान की मुलाक़ात क्यों ख़ास है ज़रा इसको समझने के लिए थोड़ा पीछे चलना होगा !
गुजरात दंगों के बाद जब गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र दोमादर दास मोदी की तुलना हिटलर और हिटलर के बदनाम कत्लेआम से करते हुए एक चिठ्ठी लिखी गई थी तो उनमें दस्तख़़त करने वाले आमिर ख़ान सबसे ऊपर थे…! इतना ही नहीं पिछले मोदी कार्यकाल में आमिर ख़ान की पत्नी किरन राव को भारत में रहते हुए अपनी और अपने बच्चों की ज़िंदगी को ख़तरा लगने लगा था…! जिसका समर्थन आमिर ख़ान ने करते हुए काफी कुछ कहा था..! न तो शायद जनता तब मोदी को लेकर आमिर की सोच को समझ पाई थी …! न ही अब उनके मोदी प्रेम की तस्वीरों को लेकर समझ पा रही हैं…! कि वो तब सही थे या अब…या यूं कहें कि आमिर तब झूठ बोल रहे थे या अब…?
हमारा तो बस एक ही सवाल है कि आख़िर आमिर ख़ान को जनता और देश के हित के बजाय कहीं अपने कारोबार या इमेज या फिर अस्तित्व की वजह से अपने नज़रिये में बदलाव तो नहीं कर पड़ा है…? क्योंकि पीएम मोदी के ख़िलाफ लगभग मोर्चा खोलने के बाद से बताया जाता है कि आमिर ख़ान से कई कंपनियों की ब्रांड एम्बेस्डरी तो गई ही …! साथ ही कई दूसरे कारोबारी नुकसान उनको उठाने पड़े हैं …! वैसे भी कहा ये जाता है कि बीजेपी के आईटी सेल में बैठे कई हज़ार लोग रातों-रात किसी का भी सोशल मीडिया पर ऐसा बैंड बजाते हैं कि उसको अपनी ही धुन बदलनी पड़ जाती है…! जैसा कि शायद आमिर ख़ान से साथ भी हुआ है..!
(लेखक आज़ाद ख़ालिद टीवी पत्रकार हैं, डीडी आंखों, देखीं, सहारा समय, इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।)
Post source : azad khalid
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