उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। दिल्ली से सटे नोएडा में 22 लाख की आबादी रहती है। राज्य में कुल 116 मरीजों में कोविड-19 के संक्रमण के पुष्टि हो चुकी है जिसमें अकेले नोएडा से ही 48 लोग शामिल हैं। नोएडा में बढ़ते मरीजों के चलते शहर में भी वेंटिलेटर समेत अन्य उपकरणों की मांग बढ़ रही है। हालांकि अब तक जितने मरीज भर्ती है उनके इलाज में वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जरूरत पड़ने पर इसकी आपूर्ति करने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के मताबिक महज 5 प्रतिशत मरीजों में ही वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है।
जनपद की आबादी करीब 22 लाख है। यहा दो सरकारी अस्पताल पीएचसी व सीएचसी है। ग्रेटरनोएडा के जिम्स व नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए है। इसके अलावा निजी अस्पताल है। जिनमे पहले से मरीज अन्य बीमारियों के मरीज भर्ती है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शहर में कुल 177 वेंटिलेटर है। इनमे से अधिकतर चल रहे हैं। हालांकि इन वेंटिलेटरों पर पहले से गंभीर मरीज है। कोविड-19 के लिए कुछ वेंटिलेटरर्स को रिजर्व में रखा गया है। हालांकि इसकी संख्या कितनी है इसे नहीं बताया गया।
डीएम ने बताया कि यह अच्छी बात है कि शहर में संक्रमित किसी मरीज को वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं है। जरूरत पड़ने पर व्यवस्था की जा चुकी है। उधर, मंगलवार को डा. महेश शर्मा ने सेक्टर-4० में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर गुड विल अस्पताल का निरीक्षण किया। आईएमए के अध्यक्ष डा. एनके शर्मा ने बताया कि इस अस्पताल में आइसोलेशन बार्ड बनाया जाए इस पर विचार किया जा रहा है।
कोरोना मरीजों के लिए क्यों जरूरी है वेंटिलेटर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, कोविड-19 से संक्रमित 80पर्सेंट मरीज अस्पताल गए बिना ठीक हो जाते हैं, लेकिन छह में से एक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है और उसे सांस लेने में मुश्किल आने लगती है। ऐसे मरीजों में वायरस .फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। .फेफड़ों में पानी भर जाता है, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इसलिए वेंटिलेटर्स की जरूरत पड़ती है। इसके जरिए मरीज के शरीर को समान्य मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच जाती है।
प्रदेश के 1614 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण, सबसे अधिक नोएडा में 48 संक्रमित
उत्तर प्रदेश में अब तक 116 कोरोना पॉजिटिव केस मिले। इनमें नोएडा 48, मेरठ 19, आगरा 12, लखनऊ 9, गाजियाबाद 8, बरेली 6, बुलंदशहर 3 और पीलीभीत, वाराणसी में 2-2 और लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, कानपुर, जौनपुर, शामली, बस्ती, बागपत, कानपुर नगर में 1-1 केस सामने आए। अब तक 1,614 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण मिले। कोरोना प्रभावित देशों से अब तक 54,156 लोग उत्तर प्रदेश लौटे हैं। 12,414 लोगों को 28 दिन के ऑब्जरवेशन पर रखा गया है। राहत की बात ये है कि अब तक आगरा के 8, गाजियाबाद के 2, नोएडा के 6 व लखनऊ के 1 समेत 17 मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं।