पीडीपी और एनसी के इन्ही बयानों के चलते अब इन दोनों पार्टियों और इनके बड़े नेताओं के लिए खिलाफ चुनाव आयोग के पास शिकायते पहुंचने लगी है। दोनों पार्टियों के साथ-साथ उमर अब्दुल्ला, फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर प्रतिबद्ध लगाने के लिए चुनाव आयोग के पास पत्र लिखा गया है। जी हां, दरअसल. यूथ फॉर इक्वालिटी नाम की एक संस्था ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इन दोनों पार्टियों की मान्यता रद्द करने की मांग की है। इसके पीछे सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के उन बयानों का हवाला दिया गया है जो उन्होने पिछले कुछ दिनों में चुनावी प्रचार के दौरान दिए।
यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट में भी इन बयानों को लेकर एक PIL दायर की गई थी। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को पहले चुनाव आयोग के पास जाने को कहा PIL पर अब अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में पीडीपी और एनसी के बड़े नेताओं द्वारा कई ऐसा बयान दिए गए जिसपर दिल्ली में सियासत गर्मा गई।
चुनावों के दौरान बयानबाजी तेज़ हो जाती है। हालांकि इस बार पाकिस्तान और कश्मीर का मुद्दा सियासत के केंद्र में है। देखना होगा कि चुनाव आयोग को पत्र लिखकर जो अपील की गई है, उसपर चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है l