उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से कोरोनावायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। सरकार ने इन्हें खोजकर जब अस्पतालों में भर्ती करवाया तो हर दिन अपनी करतूतों से मुसीबत का सबब बन रहे हैं। कानपुर के हैलट अस्पताल में दो अफगानिस्तान के नागरिकों समेत 6 जमाती भर्ती हैं। सभी कोरोना संक्रमित हैं। लेकिन डॉक्टरों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। इन्होंने दवा खाना बंद कर दिया है। वार्ड में ही सामूहिक तौर पर नमाज पढ़ी जाती है। हर जगह थूक थूककर गंदगी कर दी। ये सब देखकर डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ टेंशन में हैं। वहीं, दूसरी तरफ पंजाब के लुधियाना में तब्लीगी जमातियों के संपर्क में आए लोगों को लेने पहुंची टीम पर हमला कर दिया। इसमें टीम के दो लोग घायल हैं।
अफगानी जमाती ले रहे दवा, लेकिन भारतीय नहीं
हैलट अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती छह जमाती पॉजिटिव हैं। इसमें दो अफगानिस्तान के नागरिक हैं और चार भारतीय। दोनों अफगानी मरीजों को अलग रखा गया है और चार को एक साथ रखा गया है। अफगानी मरीज तो दवा खा रहे हैं। कोरोना प्रोटोकॉल को मान रहे हैं। लेकिन चार भारतीय जमाती मनमानी पर उतर आए हैं। दवा नहीं खा रहे हैं। जब डॉक्टरों ने पूछा कि दवा क्यों नहीं खा रहे हो तो जमातियों का कहना है कि दवा की मनाही है। सिर्फ खाना और पानी देते रहो। दवा नहीं खाने से जमातियों के अंदर का वायरस लगातार सक्रिय होता जा रहा है। डॉक्टरों के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।
रात को रतजगा, सोशल डिस्टेंसिंग से मतलब नहीं
डॉक्टरों के मुताबिक, चारों कोरोना जमाती रतजगा कर रहे हैं। वार्ड में नमाज पढ़ते हैं। मना करने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग को नहीं मान रहे हैं। समझाने के बाद भी वार्ड में थूक रहे हैं। हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रोफेसर आरके मौर्या ने बताया कि कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले डाक्टरों ने रिपोर्ट भेजी है कि वे दवा नहीं खा रहे हैं। इससे वायरस सक्रिय हो सकता है और इलाज करना मुश्किल हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में कोरानावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 257 तक पहुंच गई है, इनमें तब्लीगी जमातियों की संख्या 138 है जो अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं। संक्रमित जमातियों में से सबसे ज्यादा 29 आगरा के हैं।
लुधियाना: जमातियों के संपर्क में आए लोगों को लेने पहुंची टीम पर हमला
लुधियाना के शेरपुर इलाके में कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों को लेने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर रविवार को हमला कर दिया गया। बताया जा रहा है कि ये संदिग्ध तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के संपर्क में आए हैं। पांच लोगों की टीम जब इन लोगों को एंबुलेंस में बैठने की कहा तो इसी दौरान स्थानीय व्यक्ति ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। टीम ने जब वीडियो बनाने से मना किया तो वह हाथापाई पर उतर आया। कुछ और लोग वहां इकट्ठा हो गए और मेडिकल टीम के साथ मारपीट की। बड़ी मुश्किल में टीम संदिग्धों को लेकर अस्पताल पहुंची है। हमले में टीम के कर्मियों को चोट लगी हैं। एसएमओ डॉ. पूनम गोयल की शिकायत पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है और मामले की छानबीन कर रही है।