

- प्लाज़्मा थैरेपी ने बधिरता में भी किया चमत्कार
-दस महीने के इलाज में सुनने और बोलने लगी ढाई साल की मासूम नेताली
-वरिष्ठ ईएनटी सर्जन बीपी त्यागी की मेहनत रंग लाई
गाजियाबाद (5 जून 2020)- दुनियाभर में फैली दहशत का दूसरा नाम बन चुकी कोविड -19 महामारी के इलाज में प्रयोग की जा रही प्लाज़्मा थैरेपी ने बधिरता में भी चमत्कार कर दिखाया है। प्लाज़्मा थैरेपी से इलाज के बाद एक ढाई वर्षीय मासूम बच्ची अब सुनने के साथ बोलने भी लगी है । इस चमत्कार का श्रेय प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन डॉ.ब्रजपाल त्यागी को जाता है जिन्होंने दस महीने तक इस बच्ची का इलाज किया । इस सफलता से ना केवल डॉ. त्यागी बल्कि मासूम बच्ची के पिता दीक्षित प्रताप सिंह भी बहुत खुश नजर आ रहे हैं ।
ढाई वर्षीय नेताली नामक इस बच्ची के पिता दीक्षित प्रताप सिंह बिजनौर के सरकारी में कार्यरत हैं । वह बताते हैं कि इनकी बेटी पैदाइश से भी बधिर थी जिस कारण ना तो वह सुन ही पाती थी और ना ही बोल पाती थी । जिसको लेकर वह काफ़ी चिंतित रहते थे इसी दौरान उन्हें किसी ने डॉ ब्रजपाल त्यागी का पता बताया जिसके बाद वह नेताली को डॉ. त्यागी के पास ले गए और दस महीने के इलाज के बाद करीब उनकी बेटी ना केवल सुनने लगी हैं बल्कि बोलने भी लगी है ।
उधर डॉ. त्यागी बताते हैं कि इस थैरेपी को पीआरपी (प्लटेलेट रिच प्लाज़्मा ) थैरेपी बोलते है ।यह थैरेपी मैं मरीज़ के ब्लड से प्लाज़्मा लिया जाता है और दूरबीन द्वारा कान के पर्दे के पीछे नस के पास लगाया जाता है ,जिससे सुनने वाली नस मे ताक़त आ जाती है और मरीज़ की सुनने की क्षमता बढ़ जाती है ।
डॉ. त्यागी बताते हैं कि बधिरता के क्षेत्र मैं अद्भुत इलाज है और इसके बाद महेंगे यंत्र जैसे कोक्लीअर इंप्लांट की ज़रूरत नहीं होती । इसका खर्च प्रति इंजेक्शन क़रीब 10हजार -रुपये होता है ।
आपको बता दें कि डॉक्टर बीपी त्यागी इस टेक्नीक पर पेपर व केस स्टडीज़ लिख चुके है । जल्द ही इस टेक्नीक की बुक भी उनकी रिलीज़ होने वाली है ।डॉक्टर बीपी त्यागी विश्व में इस टेक्निक पर कार्य करने वाले पहले डॉक्टर है ।यह थैरेपी करने वाले डॉक्टर बीपी त्यागी पूरे विश्व में अकेले है ।