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मेरे दादा, मेरे बुज़ुर्ग भी सीकरी के ही थे-खोई यादों की तलाश!

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आपके वतन ए अज़ीज़ सीकरी, उसके लोग उनकी यादों को लेकर एक सिलसिला अचानक शुरु हुआ। बहुत लोगों की कॉल्स आईं, ज़्यादातर ने हौंसलाअफज़ाई की, कुछ ने मशविरे दिये कुछ ने कुछ ख़ामियों की तरफ इशारा किया। कुछ ने कुछ पुराने लोगों के नाम लेकर उनसे सीकरी के तआरुफ की शुरुआत करने की बात कही तो किसी ने कुछ नाम और सुझाए।
मियां दानिश अलीम ने अपने दादा मोहतरम मौलाना अलीम अख़्तर मुज़फ़्फ़रनगरी का ज़िक्र ए ख़ैर करते हुए बताया कि वो भी सीकरी से ही ताल्लुक़ रखते थे। (आप देख रहे हैं- http://www.oppositonnews.com )
लेकिन हिजरत करके बसेड़ा चले गये थे। इससे ये बात ज़हन में आई कि जो लोग किसी ज़माने में या आज भी तलाश ए मआश के सिलसिले में या बेहतर तालीम के मक़सद से सीकरी से गये और या तो उनकी वापसी न हुई या उनकी मौजूदा पीढ़ी आज भी इस माटी से रग़बत रखती है वो प्लीज़ अपना तआरुफ, कुछ डिटेल भेजें। ताकि उनका ज़िक्र ए ख़ैर हो सके।
रहा सवाल हाफ़िज़ उमेर साहेब की जगह किसी और के ज़िक्र से, तो हाफ़िज़ साहेब से बेहतर मुझे फिलहाल आज की पीढ़ी के सिलसिले और सीकरी का ज़िक्र करने के बेहतर कोई नहीं लगा।(आप देख रहे हैं- http://www.oppositonnews.com )
इसलिए माफी के साथ अब तो जो शुरु हो गया उसको आगे बढ़ाने की बात होनी चाहिए। आपकी राय और मशविरों का ख़ैरमक़दम रहेगा।
साथ ही मुझे कुछ नाम लोगों ने सुझाए हैं मैं उनका ज़िक्र ज़रूर करते करते हुए आपसे कहूंगा कि आप भी कुछ गुमनाम नामों और हो सके तो उनके फोटोज़ को हम तक भेजें। ताकि कभी सीकरी में धड़कने वाले इन अपनो को नई पीढ़ी से रु ब रू कराया जा सके।
इनमें से कभी सीकरी के डाक ख़ाने और पोस्ट मैन का काम करने वाले पंडित जी का नाम हम तक पहुंचाया गया है। लेकिन उनकी डिटेल अभी दरकार है। साथ ही सीकरी के कनॉटप्लेस यानि किसी ज़माने में हफ्ते में सिर्फ एक बार भरने वाले बाज़ार जुमेरात और मस्जिद की दुकानों की रौनक़ रहे स्व. सुरजा जी का ज़िक्र किया गया है। स्व. श्रीमान सुरजा किसी ज़माने में सीकरी के घर का ख़ास हिस्सा थे, ऐसा उन्होने बताया है। (आप देख रहे हैं- http://www.oppositonnews.com )
बहरहाल आप अहले सीकरी से गुज़ारिश है जो नाम याद आएं उनको शेयर करें। और कुछ डिटेल उनके बारे में भेजें। स्व. सुरजा जिनकी जूते गांठने की दुकान थी। पंडित जी, स्व. फुल्लु कारपेंटर साहेब जैसे कई नामों की डिटेल और उनकी ज़िंदगी की यादों को हम तक भेजें।
मिया दानिश अलीम साहेब जैसे तमाम लोग जिनके बुज़ुर्गों, उनकी नई पीढ़ी ने सीकरी से हिजरत के बाद देश और दुनियां में बेहद कामयाब और आला मुक़ाम हासिल किये, वो अपनी डिटेल [email protected] पर भेजें। (जारी)

Post source : danish

About The Author

आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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3 Comments

  1. Azad Khalid

    Fauzia Tariq ….Bht khoob .I read both the article about sikri .bht achche se dil se sikri ke bare mai btaya thanks for giving information

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  2. Azad Khalid

    THNX TO ALL… सभी से REQUEST है प्लीज़ कमेंट वहीं करें ताकि सिलसिला बना रहे।

    Reply

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