उत्तर प्रदेश के चार जनपद वाराणसी, नोएडा (गौतमबुद्धनगर), कानपुर और लखनऊ में रविवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। जिला प्रशासन ने स्कूल संचालकों व मालिकों को चेतावनी दी है कि, कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है। ऐसे में तमाम अभिभावक बेरोजगार हुए हैं। किसी बच्चे/अभिभावक से फीस न मांगी जाए। अगर ऐसा करते पाए गए तो मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाएगा।
शिकायत मिली तो होगी कार्रवाई
दरअसल, तमाम अभिभावकों ने जिला प्रशासन के सामने समस्या उठाई कि, लॉकडाउन और कोरोना जैसी महामारी के बीच कई स्कूल प्रबंधन फीस तुरंत जमा करने के एसएमएस व मेल भेजे जा रहे हैं। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए वाराणसी, नोएडा व कानपुर में जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधनों से फीस के लिए दबाव न बनाने की हिदायत दी है। यह भी कहा कि, फीस को लेकर यदि कोई शिकायत मिली तो कठोर कार्रवाई होगी।
अभिभावकाें में भय व अशांति
लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि, 22 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है। इस अवधि में समस्त शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को माह अप्रैल, मई व जून 2020 की फीस पूर्व वर्षों की भांति माह अप्रैल में ही जमात कराए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है। जबकि लॉकडाउन की अवधि से प्रभावित कई अभिभावक अप्रैल माह में ही एडवांस फीस देने में असमर्थ हैं। इससे अभिभावकों में भय व अशांति है। अब ऐसे में यदि एडवांस फीस जमा करने के लिए बाध्य किया गया तो कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि, विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई से किसी भी छात्र को वंचित न किया जाए न ही किसी का नाम काटा जाए। आपदा समाप्त होने पर त्रैमासिक की फीस को आगामी महीनों में समायोजित करके अभिभावकों को कार्ययोजना से अवगत कराय जाए।