लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात सामने आई थी। हालांकि यह इस्तीफा खारिज कर दिया गया। अब इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बड़ा बयान दिया है।
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि राहुल गांधी का इस्तीफा देना आत्मघाती कदम होगा। उन्होंने कहा कि राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना ने केवल उनकी पार्टी के लिए बल्कि उन दलों के लिए आत्मघाती होगा जो संघ परिवार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
लालू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसा करना बीजेपी के जाल में फंसने जैसा होगा। गांधी-नेहरू परिवार से हटकर जैसे ही कोई शख्स कांग्रेस अध्यक्ष पद पर काबिज होगा, वैसे ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ब्रिगेड के लोग उसे कठपुतली करार देना शुरू कर देंगे। ये लोग ऐसा कहना अगले लोकसभा चुनाव तक जारी रखेंगे। राहुल को अपने राजनीतिक विरोधियों को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “भाजपा के खिलाफ इस चुनावी लड़ाई में पूरा विपक्ष पूरी तरह से विफल हो गया है। सांप्रदायिक और फासिस्ट ताकतों को सत्ता से हटाने में लगे सभी विपक्षी दलों को अपनी संयुक्त हार स्वीकारनी होगी। उन्हें इस बात पर विचार करना होगा कि चूक कहां हो गई।”
लालू ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुई थीं लेकिन वो इस पर पूरे देश का नैरेटिव नहीं सेट कर पाईं। विपक्षी पार्टियों ने यह लड़ाई विधानसभा चुनाव की तरह लड़ी। वो खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में नहीं पेश कर पाईं।
लालू ने कहा, “हर चुनाव की अपनी अलग कहानी होती है। भाजपा के पास नरेंद्र मोदी के रूप में एक सर्वमान्य नेता थे। लेकिन विपक्षी पार्टियां किसी एक चेहरे पर सहमति नहीं बना पाईं जो उनके खिलाफ गई।”
राजद अध्यक्ष ने कहा कि लोगों को याद होगा कि साल 2015 में मैं यह नहीं चाहता था कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनें। लेकिन जब जनता परिवार के सबसे वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने नीतीश को बिहार महागठबंधन का सीएम प्रत्याशी घोषित किया तो मैं मान गया। मैंने बीजेपी से पूछा कि आपकी बारात का दुल्हा कौन है। कुछ ही इस बार विपक्ष को करना चाहिए था।