लद्दाख की गलवान घाटी में 10 दिन पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एक सैटेलाइट इमेज से नया खुलासा हुआ है। इस हाई रेजोल्यूशन इमेज में गलवान नदी के आसपास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएली) के दोनों ओर चीनी सेना के कई निर्माण या कैंप साफतौर पर दिखाई दिए हैं। रिपोर्ट्स में इस दावे से जुड़ी तस्वीर जारी की गई। गलवान घाटी में 15 जून की रात हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के कमांडिंग अफसर समेत करीब 40 सैनिक मारे गए।
रिटायर्ड मेजर जनरल रमेश पधी ने सैटेलाइट इमेज पर कहा कि चीन ने गलवान घाटी में पूरी प्लानिंग के साथ सेना की गाड़ियां और साजो सामान जमा कर लिया था ताकि वह लंबे समय तक यहां डटा रहे।
नई सैटेलाइट इमेज में क्या है?
यह हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेज गलवान घाटी के पेट्रोल प्वाइंट 14 की है। 22 मई को ली गई एक इमेज में गलवान घाटी में एलएसी के नजदीक सिर्फ एक टैंट नजर आ रहा है। लेकिन इसके बाद ली गई दूसरी इमेज में एलएसी के पास चीनी सेना की मौजूदगी और उसके निर्माण साफतौर पर नजर आए। जो 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद एकाएक नदारद भी हो गए। यहीं पर 16 जून को ली गई एक अन्य तस्वीर में चीन के बुल्डोजरभी दिखे।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर विवाद
गलवान घाटी में सीमा विवाद और 20 जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। इसमें पीएम ने कहा था कि भारतीय सीमा में कहीं पर भी किसी सेना का कब्जा नहीं है। इस पर कांग्रेस समेत विपक्षी दल उन पर हमलावर हैं। इसके बाद सरकार ने सफाई दी कि प्रधानमंत्री की बात का गलत मतलब निकाला जा रहा है। बल्कि उनका कहना है कि गलवान घाटी में एलएसी के आसपास कहीं भी चीनी सैनिकों की मौजूदगी नहीं है। भारतीय जवानों की मुस्तैदी से ही ये संभव हो पाया है।
भारत ने कहा- चीन एलएसी के पास से पीछे हटे
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कटीले तारों और घातक हथियारों से हमला बोल दिया था। इसमें बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर समेत हमारे 20 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत हुई। इसमें भारत ने हिंसक झड़प को चीन की सोची समझी साजिश बताते हुए नाराजगी जाहिर की और कहा कि चीन अपने सैनिकों को पैंगोंग त्सो इलाके और गलवान घाटी से पीछे हटाए।
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