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भारत-चीन के सैनिकों के बीच 3 घंटे तक झड़प होती रही, बातचीत करने आई भारत की सेना पर चीन ने पत्थर और डंडों से हमला किया



लद्दाख मेंसीमा पर विवाद को शांति से सुलझाने की भारत की कोशिशों के बीच चीन ने धोखेबाजी की है। सोमवार रात शांतिपूर्ण बातचीत करने गए भारतीय कमांडिंग अफसर से चीन के सैनिकों ने बहस की और उन पर पत्थरों, डंडों और नुकीले हथियारों से हमला बोल दिया।

6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत में दोनों पक्षों में बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति बनी थी। इसी के चलते 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू चीनी पक्ष से बातचीत करने के लिए गए थे। पर चीन ने गालवन में एक बार फिर धोखा दिया। गालवन वैली वही इलाका है, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।

बातचीत करने गए कर्नल से बहस करने लगे चीनी सैनिक
न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि 6 जून को हुई चर्चा के मुताबिक ही कर्नल बाबू ने चीन के सैनिकों को उनकी सीमा में और पीछे जाने को कहा। कर्नल बाबू शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर रहे थे, लेकिन इस दौरान चीन के सैनिकों ने बहस शुरू कर दी।
बातचीत के दौरान चीन के सैनिकों ने भारतीय दल पर डंडों, पत्थरों और नुकीली चीजोंसे हमला कर दिया।
चीनी सैनिकों का मकसद भारतीय दल को नुकसान पहुंचाना था। इस टकराव में कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।

3 घंटे तक चला टकराव
सूत्रों ने बताया कि गालवन घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के करीब यह बातचीत चल रही थी, जब भारतीय सेना पर हमला किया गया। भारत ने भी इसका जवाब दिया, लेकिन चीन के जवान संख्या में ज्यादा थे। चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं। लेकिन, चीन की ओर से इस संबंध में आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। दोनों तरफ के कई जवान लापता भी हैं और कई बुरी तरह घायल हैं। ऐसे में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। यह टकराव करीब 3 घंटे तक चला। टकराव के बाद से ही चीन की सीमा में हेलिकॉप्टर एक्टिविटी बढ़ी हुई दिखाई दी। बताया जा रहा है कि चीन की सेना अपने घायलों को हेलिकॉप्टर के जरिए ले गई।

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लद्दाख की गालवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 3 घंटे टकराव चला। हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। (फाइल)

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Originally published on www.bhaskar.com

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