गाजियाबाद (4नवंबर 2019)- कविनगर रामलीला मैदान में चल रही रामकथा के पांचवे दिन संत विजय कौशल जी महाराज ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में बहुत दिनों के बाद जैसे रौनक़ लौटी, चारों तरफ़ उत्साह और उमंग का वातावरण है,दशरथ जी के दरबार में जय जय कार हो रही है,सभी इस प्रतीक्षा में हैं कि कब श्री राम का राज्याभिषेक हो।परन्तु भगवान की लीला ही कुछ और है क्योंकि एक तरफ़ तो राजा दशरथ के मन में अहम आ गया है, प्रजा के साथ दुराचार होने लगा,गुरुओं का अपमान होने लगा वहीं दूसरी और दैवीय शक्तियॉं चिन्तित हैं कि राम का राज्याभिषेक हो गया तो राक्षसों से मुक्ति कौन दिलायेगा।
कैकेयी तो बहाना मात्र हैं श्री राम ऐसे राज्य में रह ही नहीं सकते हैं इसलिये वनवास जाते हैं और राजा दशरथ के जीते जी अयोध्या वापस लौटते नहीं।
दशरथ की पत्नि केकैई वर्तमान के कश्मीर के राजा की बेटी थी और कैसी विचित्र बात है कश्मीर ने त्रेता में भी रूलाया था और कश्मीर आज भी रुला रहा है।मंथरा का वर्णन करते हुये महाराज श्री कहते हैं कि एक बार जीवन में ग़लत व्यक्ति या कुसंग प्रवेश कर जाये तो समझ लीजिये कि सर्वनाश हो गया।मंथरा कैकेयी के अंदर इतना विष भर देती है कि कैकेयी अपने बालकों की ही शत्रु बन जाती है और अपने प्रिय राम के लिये चौहद साल के वनवास पर अड जाती हैं।कहॉं तो अयोध्या में आनंद और उमंग का वातावरण था और कहॉं एक ही दिन में मातम छा गया, हाहाकार मच गया।जिसको पता चला वह ही शोक में डूब गया।
महाराज श्री कहते हैं कि श्रद्धा की दीवार बडी कमजोर होती है,यह कभी भी ढह सकती है,इसको डिगने में देर नहीं लगती।कोई ना कोई दृष्टी आप पर हमेशा रहती है इसलिये अपना व्यवहार ऐसा हो कि आपमें जिनकी आस्था श्रद्धा है वह टूटे ना।राम कथा बडी व्यवहारिक है,आदर्श चरित्रों का जीवन दर्शन है राम कथा इसका चिंतन करें मनन करें और यथा सम्भव हो अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें।
इस अवसर पर स्वास्थ एवं चिकित्सा राज्य मन्त्री अतुल गर्ग, राज्यमन्त्री अनिल शर्मा , पूर्व विधायक नरेन्द्र सिसोदिया, भाजपा नेता बलदेव राज शर्मा, चन्द्र प्रकाश कौशिक, आज की कथा के यजमान मनीष,पीयूष,संदीप सिंहल,महेश चन्द गर्ग,मुख्य यजमान हरविलास गुप्ता,आयोजन समिति से सचिन सिंहल ,मयंक गोयल,अभिषेक सिंह,मनीष अग्रवाल,अँकुर गर्ग,सुरेश त्यागी ,राहुल सिंहल , सहा० जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्यागी , प्रमुख रूप से उपस्थित थे