नेताओं के तमाम भाषणों और नारो में गरीब किसान का जीक्र किया जाता है। हर भाषण में देश की तरक्की और उन्नति की बात कही जाती है। हर नेता अपने अपने हिसाब से बड़े बड़े वादे करते हैं, लेकिन क्या ये वादे जमीनी हकीकत पर खड़े उतर जाते हैं? पिछले पांच सालो में देश का और नेताओं का कितना विकास हुआ है? जरा नीचे देखिए….
पिछले पांच सालों में देश की आर्थिक विकास दर अधिकतम 8.2 फीसदी रही है, जबकि देश के सांसदों का खूब आर्थिक विकास हुआ है। पांच सालों में सांसदों की संपत्ति 41 फीसदी बढ़ी है। इसमें भाजपा और कांग्रेस समेत सभी दलों के सांसद शामिल हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनाव लड़ रहे 338 में से 335 मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति 23.65 करोड़ रुपये है।
साल 2014 में इन मौजूदा सांसदों की संपत्ति 16.79 करोड़ रुपये थी। यानि पांच साल में सांसदों की औसत संपत्ति 6.86 करोड़ रुपये बढ़ी है। एडीआर ने 17वीं लोकसभा चुनाव के 8,049 में से 7928 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इनमें 29 फीसदी की संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है। भाजपा के 79 फीसदी, कांग्रेस के 71 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। बसपा के 17 और सपा के आठ प्रत्याशी करोड़पति हैं।
वहीं, दागी उम्मीदवारों की बात करें, तो इस लोकसभा चुनाव में 1500 यानि कि 19 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं। साल 2014 में 1404 यानि 17 फीसदी उम्मीदवार दागी थे। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 1070 उम्मीदवारों पर दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर केस दर्ज हैं। साल 2014 में 8205 उम्मीदवारों में 908 यानि कि 11 फीसदी उम्मीदवारों पर ऐसे मामले दर्ज थे। इस बार भाजपा ने 175 दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 164 दागी उम्मीदवारों को जबकि बसपा ने 85 दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है।