निजामुद्दीन मरकज से लौटे जमातियों ने कानपुर वालों की मुश्किलें बढ़ा दी है। अब तक यहां 10 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 9 जमात के सदस्य हैं। एहतियातन प्रशासन ने लॉकडाउन को सख्ती से पालन करा रही है। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस ने बेवजह सड़कों पर निकले लोगों पर लाठियां भी बरसाई। आवश्यक वस्तु से जुड़े लोगों को ही राहत दी जा रही है। हालांकि, कई जगहों पर पुलिस की मनमानी भी कर रही है। ड्यूटी से लौट रही सरकारी अस्पताल की नर्स का भी चलान कर दिया। महिला नर्स के साथ बदसलूकी भी की।
मंगलवार को कानपुर में पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। कांशीराम ट्रामा सेंटर में तैनात महिला नर्स ड्यूटी से अपने बेटे के साथ लौट रही थी। नजीराबाद इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी ने उन्हें रोक लिया। महिला नर्स ने अपना पहचान पत्र दिखाया। इसके बाद भी इंस्पेक्टर ने उनकी गाड़ी का चलान कर दिया। महिला नर्स ने बदसलूकी का भी आरोप लगाया है। वहीं, बाबूपुरवा थाना क्षेत्र में अल्ला रक्खा उर्फ गुड्डू नाम का युवक अपनी गर्भवती साली को उर्सला अस्पताल में भर्ती कराकर लौट रहा था। पुलिस ने उसे रोक लिया उसकी बात सुनने से पहले उसकी जमकर पिटाई की। जब युवक ने बताया कि अपनी साली को अस्पताल में भर्ती करा कर लौट रहा हूं। उसके बाद भी उसकी स्कूटी को सीज कर दिया।
पुलिस ने ड्रोन से प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी कर रही है। लोगों से छतों पर रखे ईंट-पत्थरों को हटाने की अपील की जा रही है। पुलिस ने हिदायत दी है कि, जिसकी छतों पर ईंट पत्थर जमा पाए जाएंगे तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। दरअसल बीते दिनों मरकज के लोगों को पकड़ने गई पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव किया गया था। इसके बाद पुलिस ये कार्रवाई कर रही है।