कानपुर. लॉकडाउन के बीच दिल्ली, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों से पलायन कर लौटने वालों में अपनों के बीच पहुंचने की होड़ मची है। अभी भी एनएच 2 हाइवे पर पलायन कर आने वालों का तांता लगा हुआ है। जिसको जो भी वाहन मिल रहा है और जहां जगह मिल रही है, वो उसी में सवार हो बैठा जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल कानपुर के झकरकटी बस अड्डे का है। बीते दो दिनों में हजारों की संख्या में लोगों बस अड्डे पर डेरा जमा लिया। प्रशासन को 170 बसों को चलाकर यात्रियों को भेजना पड़ा है।
केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाते हुए राज्यों को सीमाएं सील करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने यात्रियों को उनके जनपदों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही हाइवे पर से गुजरने वालें वाहनों की छतों पर बैठकर जाने को मजबूर हैं। कानपुर की झकरकटी बस अड्डो पर पलायन कर पहुंचने वालों के लिए जिला प्रशासन ने 170 बसों का संचालन कर उनकों जनपदों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है । सबसे ज्यादा यात्री पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से पलायन कर अपने गांव पहुंचे लागों को ग्रामीणों ने गांव के अंदर घुसने नहीं दिया । ग्राम प्रधानों ने लेखपालों ने उनकी मेडिकल परीक्षण कराने का प्रबध किया है।
इसके साथ ही जिला प्रशासन ने सुबह 4 बजे से लेकर 11 बजे तक राशन की दुकानों और दूध की दुकानों को खोलने का आदेश दिया है। शहर में लगने वाली सब्जी मंडियों को बंद करा दिया गया है। सब्जी बेचने वालों से ठेले पर गलियों और मोहल्लों में फेरी लगाने को कहा गया है। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा सब्जी और राशन की होम डिलीवरी कराई जा रही है। जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए जनप्रतिनिधि और नगर निगम स्मार्ट सिटी के ब्रांड एंबेस्डर के संदेशों को भेजने का काम शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया से लॉकडाउन का पालन कारने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने थोक दवा व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खोलने का आदेश दिया है।