जिस देश में हर साल हजारों किसान बैंक के कर्ज भूख और बदहाली की बदौलत आत्महत्या कर लेते हों…और जिस व्यवस्था से परेशान होकर हजारों बेरोजगार परेशान नौजवान मौत को गले लगा लेते हों..जो व्यवस्था जज लोया की संदिग्ध मौत सहित कई गंभीर सवालों पर मौन हो उसी सिस्टम के हवाले से हर थोड़ी देर मीडिया पर खबर चलाई जा रही है कि बालीवु़ड के एक उभरते कलाकार जो कि निश्चित तौर पर इस सदी के महानायक की तर्ज पर अगली सदी के महानायक हो सकते थे उनकी आत्महत्या की जांच कर रही सीबीआई, ईडी और देश की हर बड़ी ऐजेंसी की जांच बेहद तेज़ी से आगे बढ़ रही है। मीडिया पर हर पल की ख़बर दिखाई जा रही है। यहां तक कि मीडिया पर आरोपी महिला का भी एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिखाया जा रहा है जिसमें बीलीवुड के आरोपी नायिका दावा करती है कि मृतक सुशांत सिंह राजपूत सपने में आकर उनसे कह गया है कि सच सबको बता दो। हमारे देश महान एंकर उस नायिका से यह नहीं पूछ सके कि जो मृतक सपने में आकर अपनी प्रेमिका से सच बोलने को कह सकता था उसने अपनी प्रेमिका को अपनी हत्या या आत्महत्या के राज के बारे में भी बताया कि नहीं। यानि सुशांत सिंह राजपूत उस महिला के सपने में तो आगये और कह गये कि सच बता दो। तो क्या मृतक सुशांत राजपूत ने ये नहीं बताया कि क्या वाकई उन्होने आत्महत्या ही की थी या किसी ने उनकी हत्या की थी। और कौन है उनका हत्यारा। ये सवाल सपना देखने वाली नायिका को करना था या फिर सपना देखने वाली नायिका का एक्सक्लूसिव साक्षात्कार करने वाले तेज़ तर्रार पत्रकार को। बहरहाल अब हम आपको आज के ही दिन की एक और बड़ी खबर से रू ब रू कराते हैं। हांलाकि ये आज की नहीं है। लेकिन आज चर्चा में ज़रूर है। दरअसल हम बात कर रहे हैं चार साल पहले मथुरा में होने वाले जवाहर बाग कांड की। जिसमें यूपी पुलिस के एसपी मुकुल द्विवेदी, एक एसएचओ समेत तीस लोगों को गोलियों से सरेआम भून दिया गया था। पुलिस और सरकार की नाकामी की इंतिहा तो ये थी कि आधूविक हथियारों से लैस रामवृक्ष यादव नाम के एक आरोपी की गैंग ने एक पार्क पर कई साल तक अवैध कब्जा किये रखा। और जब उत्तर प्रदेश की हाईकोर्ट ने सरकार से कब्जा खाली कराने का आदेश दिया तो दोनों तरफ से जमकर गोलियां चलीं और एक एसपी और दरोगा समेत तीस लोग मौत की आगोश में सो गये थे। हाइकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप तो गई थी लेकिन 4 साल पुराने इस हत्या कांड की जांच के तीन साल बाद भी सीबीआई ये तक भी पता नहीं लगा पाई है कि हजारों लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके अवैध हथियारों गोला बारूद का जखीरा किस की मदद से जमा किया था। इस काडं का मुख्य आरोपी जिसके बारे में दावा किया गया था कि वो उस समय झोपड़ी मे आग लगने से जल कर मर गया तो उसकी सच्चाई क्या है। बहरहाल सुशांत सिंह राजपूत की संदिघ्ध मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी सीबीआई,ईडी और तमाम जांच ऐजेंसियों समेत मीडिया तक को इस खबर पर भी ध्यान देना चाहिए। ताकि शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी समेत तीस मृतको की विधावाओं और परिजनों को ये पता चल सके की आखिर इस पूरे मामले की पीछे कौन था। क्योकि पीड़ित परिजनों से सुप्रीम कोर्ट में गुजारिश की थी इस मामले की जांच में तेजी लाकर सच्चाई को सामने लाया जाए। लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने याचिका को सुनने से इंकार करते हुए कहा है कि पहले हाइकोर्ट जाइए। खैर हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हर पीड़ित को इंसाफ मिलेगा। #justiceforssr #cbiinvestigationssr #azadkhalid #newswuthazadkhalid #cbinews
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