उत्तर प्रदेश ही नहीं देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन का आज 18वां दिन है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार चले गए। लॉकडाउन के बीच सबसे ज्यादा समस्या दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के सामने रोजी रोटी की आ पड़ी है। ऐसा ही एक मामला डीएम ऑफिस में देखने को मिला। यहां तकरीबन 40 महिलाएं एक साथ सरकारी मदद की आस में जिला अधिकारी से मिलने पहुंची लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मुलाकात डीएम से नहीं हो सकी।
डीएम ऑफिस पहुंची प्राइवेट जॉब करने वाली रागिनी तिवारी कहती हैं कि लॉक डाउन के बाद 8-10 दिन जैसे-तैसे निकल गए। लेकिन अब हमारे घर का हर सदस्य बहुत परेशान है। हमारे घर में 8 सदस्य हैं। हम डीएम साहब से उम्मीद लेकर आए हैं कि हमें 10-15 दिन का राशन मिल जाए।
मजदूरों का आरोप- प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंची
बीड़ी बनाने का काम करने वाली मजदूर लक्ष्मी बताती है कि हमारे परिवार में 10 सदस्य हैं। लॉकडाउन के चलते काम पूरी तरह से बंद हो गया है। अब हमारी स्थिति भूखों मरने जैसी है। प्रशासन की ओर से हमारे घर तक कोई भी सरकारी मदद नहीं पहुंचाई गई है। हम जिला अधिकारी से कहने आए हैं कि हमारी कुछ व्यवस्था करा दो जिससे हमारे बच्चे पल जाएं और हमारा पेट भर जाए। हमने इसकी शिकायत लखनऊ तक पहुंचाई लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। मोहल्ले में खिचड़ी बटने आई वह भी हमारे घर तक नहीं पहुंच पाई।
कपूर टेकरी की रहने वालीं अंगूरी कहती है कि घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं और हम तक सरकारी राशन नहीं पहुंचाया जा रहा है। जब हमने राशन के लिए ठेकेदार से कहा तो वह पैसे मांगने लगा। ये महिलाएं कई घंटों जिला अधिकारी कार्यालय में बैठी रही।
डीएम आंद्रे वामसी कुछ देर के लिए कार्यालय कैंपस में आए भी लेकिन इनसे बगैर मिले चले गए। फिलहाल इन्हें किसी भी तरह की सरकारी मदद का आश्वासन नहीं मिला।