नई दिल्ली (09-01-2018) – देशभर में कालेधन, हवाला और आतंकी कनेक्शन पर बहस जारी है। इसी सबके बीच इसी से जुड़ी एक ख़बर और आई कि दिल्ली के एयरपोर्ट से करोडो़ं की हवाला की रक़म के साथ एक एयरहोस्टेस और अमित नाम का एक ट्रेवल एजेंट गिरफ्तार हुआ है। दिलचस्प बात ये है कि एयरहोस्टेस के पिता, भाई समेत उसका पति भी बड़े अफसर रहे हैं या आज भी है। लेकिन एयरहोस्टेस कौन है क्या इसका किसी आतंकवादी गुट से संबध है या ये रक़म जैश,लश्कर या नक्सलियों समेत किसी कथित आतंकी गुट को पहुंचानी था या भेजी गई थी। ये तमाम सवाल लोगों के मन में हैं। ये रक़म विदेश भेजी जा रही तो क्या हमारे देश का कोई आतंकी अपने बाहर बैठे गुर्गों को सपोर्ट कर रहा है या हमारे देश का कोई संघठन विदेशों में ऐसा कौन सा कारोबार कर रहा है कि इतनी बड़ी रक़म उसको भेजी जा रही है। इन सवालों पर जांच होना लाज़िमी है।
ख़बर है कि डीआरआई यानि डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने जेट एयरवेज की एक एयरहोस्टेस को हवाला के तक़रीबन चार लाख अस्सी हजार डॉलर यानि लगभग तीन करोड़ बीस लाख रूपये के साथ दिल्ली से हांगकांग जा रही फ्लाइट से गिरफ्तार किया है। डीआऱआई ने उक्त फ्लाइट पर जिस वक़्त रेड मारी उस वक़्त ये एयर होस्टेस हवाला की इस मोटी खेप के साथ दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली थी। दिलचस्प बात ये है कि कि एयर होस्टेस हांगकांग जाने वाली फ्लाइट में ही क्रू मेम्बर थी। यानि चिराग़ तले ही अंधेरा। ख़बर है कि एयरहोस्टस के अलावा दिल्ली के एक हवाला डीलर को भी गिरफ्तार किया गया है। डीआरआई यानि डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक़ 7-8 जनवरी की रात को दिल्ली एयरपोर्ट पर एक इंफॉर्मेशन के आधार पर हांगकांग जाने वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट में उड़ने से पहले ही रेड की गई। जिसके बाद पकड़ी गई एयर होस्टेस के बैग से 4,80,200/ डॉलर मिले हैं। ये डॉलर बॉक्स के निचले हिस्से में एल्मुनियम फ़ॉइल में लिपटे हुए थे। इंडियन करेंसी में इन डॉलर्स की कीमत तक़रीबन तीन करोड़ बीस लाख रूपये है।जेट एयरवेज की महिला क्रू-मेंबर की इस गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में एक डीलर को भी गिरफ्तार किया गया है। जिस पर आरोप है कि वो इस क्रू मेम्बर को हवाला का पैसा देता था। कहा जा रहा है कि आरोपी महिला इस पैसे को विदेशों में पहुंचना का काम करती थी। पकड़े गए आरोपी हवाला सपलायर की पहचान दिल्ली के झिलमिल इलाके के अमित मल्होत्रा के तौर पर हुई है। जो एक ट्रैवल एजेंसी चलाता है। देर रात तक डीआरआई उसके घर और दूसरे ठिकानों पर छापेमारी करती रही। सूत्रों की मानें तो पकड़ी गई एयर होस्टेस देहरादून की रहने वाली बताई जा रही है। जो लगभग 6 साल से जेट एयरवेज में काम कर रही थी। साल भर पहले शादी होने के बाद वो अपने पति के साथ मयूर विहार फेज वन में रहती थी। कहा जा रहा है कि उसका पति प्राईवेट कंपनियों के लिए ‘नौकरी’ दिलाने वाली एक बड़ी कंपनी में काम करता है। सूत्रों के मुताबिक़ एयर होस्टस अगस्त 2017 से अमित मल्होत्रा के टच में थी। और उसके लिए लगातार विदेशों में हवाला का पैसा पहुंचाती रही थी। प्राथमिक जांच के बाद ये भी सामने आ रहा है कि एयरहोस्टेस बाहर भेजे जाने वाली रकम का आधा रखती थी जबकि कहा ये भी जा रहा है कि उसे एक डॉलर पर एक रूपये मिलता था। यानि अगर वो इस बार हांगकांग में हवाला के 4.80 लाख डॉलर पहुंचा देती तो उसे इस डील के पूरे चार लाख अस्सी हजार रूपये मिलते। बहरहाल ये सवाल नहीं कि उसको मिलता क्या था बल्कि सवाल ये है कि वो किसी आतंकी गुट के लिए काम नहीं कर रही थी।
पकड़ी गई एयर होस्टेस एल्मुनियम फोइल पेपर में बांधकर डॉलर या फिर दूसरी विदेशी करैंसी रखती थी। जिसके बाद वो एयरपोर्ट पर जांच सिस्टम या सीआईएसएफ की एक्स-रे मशीन को भी धोखा देने में कामयाब हो जाती थी। कहा जा रहा है कि आमतौर पर बैग में विदेशी करेंसी के ऊपर अपना मेकअप किट रख लेती थी। जिसके बाद फॉइल पेपर में लिपटा होने की वजह से सुरक्षाकर्मियों को लगता था कि चॉकलेट या फिर खाने का कोई दूसरा सामान ले जा रहा होगा। डीआरआईए के सूत्रों के मुताबिक हवाला ऑपरेटर अमित को पकड़ने में एयर होस्टेस के पति और उसके मोबाइल फोन की अहम भूमिका रही। एयर होस्टेस की गिरफ्तारी के बाद जब हवाला का पैसा हांगकांग नहीं पहुंचा, तो अमित मल्होत्रा परेशान हो गया था। चूंकि डीआरआई ने आरोपी एयरहोस्टस का मोबाइल कब्जे में लेकर बंद कर दिया था तो ऐसे में अमित ने किसी तरह उसके पति को फोन मिलाया। लेकिन इस बीच पूछताछ के लिए एयरहोस्टेस के पति को भी डीआरआई के मुख्यालय बुला लिया गया था। और जैसे ही अमित ने पूछा कि उसने उसकी पत्नी को कुछ सामान दिया था हांगकांग भेजने के लिए, जो नहीं पहुंचा है, तो पति ने तुरंत ये जानकारी डीआरआई के अधिकारियों को दे दी। जिसके बाद डीआरआई ने आरोपी एयर होस्टेस के जरिए अमित को मिलने बुलाया और उसे भी धर दबोचा। पूछताछ और छापेमारी में पता चला है कि अमित दर्जनों व्यापारियों के टच में था। डीआरआईए पूछताछ में जानना चाहती है कि पकड़ी गई एयर होस्टस के अलावा भी वो दूसरी एयरलाइन के किस किस स्टाफ के जरिए विदेशों में हवाला मनी भेजता था।
बहरहाल ये अच्छी ख़बर है कि देश में पनपते आतंक के नेटवर्क को ध्वस्त करने में हमारी जांच ऐजंसिया लगातार कामयाबी हासिल कर रही है। लेकिन इस घटना के बाद ये सवाल दोबारा खड़े हो गये हैं कि इस एयरहोस्टेस का नेटवर्क किस किस आंतकी गुट से जुड़ा था। क्या देश के अंदर ही इतना बड़ा कोई आंतकी गुट सक्रिय है जो विदेश में किसी वारदात को अंजाम देने या विदेशी नेटवर्क को साथने के लिए इतनी बड़ी रकम भेज रहा था। साथ ही क्या इन दो गिरफ्तारियों के मदद से बाकी नेटवर्क को उजागर किया सकेगा।