लखनऊ/ग़ाज़ियाबाद (17 फरवरी 2018)- आईपीएस अमिताभ ठाकुर बनाम पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद विवाद में नया मोड़ आ गया है। उत्तर प्रदेश पूर्व मंत्री और खनन समेत कई अन्य मामलों में चर्चाओं में रहे गायत्री प्रसाद के कथित इशारे पर आईपीएस अमिताभ ठाकुर को रेप के मामले में फर्ज़ी तौर पर फंसाने का मामला अब इन्ही के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। पुलिस ने फ़र्ज़ी आरोपी के घर पर भगोड़ा होने का नोटिस चस्पा कर दिया है।
इस मामले की जानकारी देते हुए एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने बताया है कि गाजियाबाद की एक महिला पर उन्हें तथा उनके पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फर्जी रेप का आरोप लगा कर फंसाने की कोशिश की गई थी। जिसके बाद नूतन ठाकुर ने थाना गोमतीनगर, लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया था।नूतन ठाकुर ने बताया है कि अब इस मामले में आरोपी पूर्व महिला आयोग सदस्य अशोक पाण्डेय, कथित रेप पीड़िता तथा उसके पति को सीजेएम लखनऊ कोर्ट द्वारा भगोड़ा घोषित किये जाने के बाद आज लखनऊ पुलिस ने गाजियाबाद में उनके आवास पर भगोड़ा होने की अदालत की नोटिस चस्पा कर दिया है। नूतन ने बताया कि नोटिस में इन तीनों के तत्काल अदालत में हाज़िर नहीं होने पर इनके मकान की कुर्की किये जाने का आदेश है।
यह मुक़दमा 22 जून 2015 को दर्ज किया था जिसमे नूतन ने तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा महिला आयोग के सदस्यों की सहायता से फर्जी रेप केस में फंसाने के प्रयास का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने 13 जुलाई 2015 को केस में अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी, जिसे सीजेएम ने अपने आदेश 22 दिसंबर 2015 द्वारा ख़ारिज करते हुए पुनार्विवेचना के आदेश दिए थे। अप्रैल 2017 में श्री प्रजापति को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। बाक़ी बचे हुए अभियुक्तों पर विवेचना जारी है। हाल में इन तीनों अभियुक्तों ने गिरफ़्तारी पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था।
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