हमने पिछली एक ख़बर में अपने दर्शकों से सवाल किया था कि क्या मुस्लिम समाज के कुछ कथित नेता बेशर्म हैं। दरअसल ये सवाल ख़ुद मुस्लिम समाज के मन में ही काफी अर्से से है। चाहे मामला आज़ादी के फौरन बाद बाबरी मस्जिद मे मूर्तियां रखे जाने का हो या फिर 1992 में बाबरी मस्जिद गिरा देने का या फिर अब बाबरी मस्जिद का केस हार जाने का। यूं तो मुस्लिम समाज में बड़े बड़े बैरिस्टर और वकील भी हैं और नेता भी लेकिन क़ौम के कायद बनने वाले बैरिस्टर साहब न तो बाबरी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई के लिए खड़े हो पाए न ही किसी और नेता ने आसाम के नीली नरसंहार में हजारों बेगुनाहों के क़त्ल पर न ही मेरठ, मलियाना मुरादाबाद या जमशेदपुर, गुजरात या किसी भी नरसंहार पर कभी आवाज़ नहीं उठाई जिसके बाद खुदको लावारिस समझने वाला मुस्लिम समाज ये सोचने पर मजबूर हुआ कि क्या वाक़ई उसके रहनुमा बेशर्म हैं। लेकिन यही सवाल आज भी लोगों के मन में है….लेकिन क्यों… इसकी आज करते है पड़ताल।
आज हम पुरानी बातों की चर्चा नहीं करेगें। न ही मेरठ की न ही मलियाना की न ही मुरादाबाद या आसाम के नीली नरसंहार की। न ही कांग्रेस शासन में हुए सैंकड़ो नरसंहारों में पुलिस के हाथों मारे गये हजारों बेगुनाहों की न ही उस वक्त जुबान पर ताला लगाए उन रहनुमाओं की जिन पर कौम भरोसा करती थी। हम आपको याद दिला दें.. और हां आप इस पर अपने किसी बुजुर्ग से पूछलेना या गुगल करके देख लेना आसाम के नीली नरसंहार जिसमें कांग्रेस के शासन में एक ही दिन में लगभग 5 हजार बेगुनाहों को सड़कों पर मौत के घाट उतार दिया गया था और जिसकी जांच के नाम पर बने तिवारी कमीशन की रिपोर्ट आजतक पटल तक पर नहीं रखी जा सकी है। उसको लेकर ईराक़ में वल्र्ड इस्लामिक कांफ्रेस बुलाई गई थी और आरोप है कि इस कांफ्रेस में जमीयतुलउलेमा ए हिंद के मौलाना असद मदनी साहब ने पूरी दुनियां को बताया था कि ये सब बदनाम करने की साजिश है ऐसा कुछ नहीं हुआ, लोग ये भी आरोप लगाते हैं कि इनाम के तौर पर मदनी परिवार को राज्यसभा की सैर कराई गई थी। और यही राज्यसभा या संसद शायद आज भी इस परिवार का सबसे बड़ा सपना है। जिसका सबूत है लगातार चुनाव लड़ना और कभी आरएसएस के दर पर माथा टेकना या फिर कल ही दिल्ली के फाइव स्टार होटल में ईद मिलन के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के अलावा चुनावी रणनीतिकार पीके तक को पार्टी देना। जी हां वो मदनी परिवार जिसका बजाहिर कौम को दीनी तालीम मुहय्या कराना, दारुलउलूम देवबंद या फिर मुस्लिम क़ौम का चंदा. ज़कात कलेक्शन के अलावा कोई दुनियावी कारोबार नहीं है। वहीं मदनीज़ इस्लाम के पांचवे फर्ज यानि ज़कात के कलेक्शन के पैसे से लाखों रुपय के पार्टी दिल्ली के किसी फाइव स्टार होटल में उस वक्त सजाएं जबकि उसी महीने में दिल्ली के जहांगीरपुरी में मस्जिद पर हमला भी हो और मुस्लिम समाज के लोग जेल में भी जाएं, और उसी कांग्रेस के राज मे राजस्थान मे करोली से लेकर कई दूसरी जगहों पर इमको ज़कात या चंदा देने वाली कौम और उसके मजहबी मुकामात पर हमला भी और ये उसी कांग्रेस के नेताओं को लाखों रुपय की पार्टी देकर अपने लिये सियासी ग्राउंड तैयार करें तो एक बार फिर ये सवाल उठता है कि क्या वाक़ई मुस्लिम कौम की रहबरी के नाम पर बेशर्मों की टीम आज भी खड़ी है। बहरहाल सुनने में यही आ रहा है कि फाइव स्टार होटल के उन्ही गिलासों में जिनमे शायद कुछ ग्राहकों ने कभी शराब भी पी हो उनकी मदद से मौलाना मदनी ने लोगों की न सिर्फ प्यास भी बुझाई बल्कि ये बताया कि चाहे काशी की मस्जिद पर सवाल उठें या फिर खरगोन या करोली या फिर देश के किसी हिस्से में मुस्लिम कौम बेचैन हो लेकिन हम न सिर्फ सत्ता के साथ है बल्कि विपक्ष और राजनीति की बिसात बिछाने वाले प्रशांत किशोर यानि पीके तक को अपने लिए रणनीति तैयार कराने की भरपूर कोशिश करेंगे। हो सकता है कि कुछ अंधभक्त ये कहें कि जमीयत ने जहागीरपुरी में कुछ हजार फीस देकर किसी वकील को खड़ा किया था लेकिन जनाब पहली बात तो ये कि इसी जहागीरपुरी के लिए वृंदाकरात ने सिर्फ कानूनी लड़ाई लड़ी बल्कि सड़क पर आकर मर्दांनगी भी दिखाई थी, और हां पूरी दुनिया से इसी क़ौम के लड़ाई और भलाई के नाम अरबों रुपय का चंदा और ज़कात वसूलने वाले ये तो बताएं कि कलेक्शन कितनी है और खर्चा कहां कहा हो रहा है। माना कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद कुछ लोगों को मकान बनवाकर दिये गये लेकिन इसके नाम पर पूरी दुनियां के मुसलमानों से चंदा कितना वसूला गया ये कौन बताएगा। खैर ये कौम कभी कंजूस नहीं रही है, चंदे के नाम पर कभी किसी मदरसे या मौलवी को मायूस नहीं किया। भले ही देशभर में हजारों बेक़सूर जेलों मे हों, किसी का घर गिरा दिया गया हो या फिर भले ही इस ईद के मौके पर भी लाखों आंखों मे आंसू हो लेकिन फाइव स्टार होटल की चकाचौंध और झंकार के शौक़ीन मौलाना मदनी को गरीब उम्मत की तरफ से ईद मुबारक। #oppositionnews #indianmuslims #muslimsinindia #molanamadani #जमीयत_उलेमा_ए_हिंद #मौलाना_
मदनी