भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिन के दौरे पर रूस रवाना हुए हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा को लेकर और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की उम्मीद है। साथ हीभारत एस-400 ट्रायम्फ एंटी मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है।
राजनाथ का यह दौराचीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प के 6 दिन बाद हो रहाहै। 15 जून को हुईझड़प में गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
प्लेन से इक्विपमेंट की सप्लाई की मांग करेंगे राजनाथ- सूत्र
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ रूस से सुखोई-30एमकेआई, मिग-29, टी-90 टैंक और किलो क्लास सबमरीन के लिए इक्विपमेंट की अर्जेंट सप्लाई की मांग करेंगे। पहले इन इक्विपमेंट की सप्लाई समुद्र के रास्ते से होनी थी, लेिकन कोविड महामारी के चलते यह कई महीनों से अटकी है।
सूत्रों ने कहा कि राजनाथ अब रूस से कहेंगे कि वे प्लेन के जरिए जल्द से जल्द इन सामानों की सप्लाई करे।
रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया- रूस की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने को लेकर बातचीत होगी। मैं मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में भी शामिल होऊंगा। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार भी गए हैं।
Leaving for Moscow on a three day visit. The visit to Russia will give me an opportunity to hold talks on ways to further deepen the India-Russia defence and strategic partnership. I shall also be attending the 75th Victory Day Parade in Moscow.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 22, 2020
रूस के रक्षा मंत्री कोभारत-चीन तनाव की जानकारी देंगे
माना जा रहा है कि कोरोना के चलते रूस ने एस-400 डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में दिसंबर 2021 तक देरी की। भारतपिछले साल ही इसके लिए रूस को 5.4 बिलियन डॉलर (40 हजार करोड़ रु.) का भुगतान कर चुका है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को स्पुतनिक को बताया कि राजनाथ अपनी यात्रा के दौरान चीन और भारत के सीमा तनाव पर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को जानकारी देंगे। वहीं, इस दौरान राजनाथ सिंह की चीनी अधिकारियों से मुलाकात नहीं होगी।उधर, कोरोनावायरस महामारी के बीच किसी भी भारतीय नेता की यह पहली विदेश यात्रा है।
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