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गलवान में 76 जवान घायल हुए थे, इनमें से 58 हफ्ते भर में और 18 सैनिक 15 दिन में ड्यूटी पर लौट आएंगे



गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई झड़प में घायल कोई भी भारतीय जवान गंभीर नहीं है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। सूत्रों बताया कि 18 जवान लेह और 58 सैनिक दूसरे अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से सभी की स्थिति अब स्थिर है।
सूत्रों ने कहा कि लेह के 18 जवान 15 दिन में ड्यूटी पर आ जाएंगे। अन्य अस्पतालों में भर्ती जवानों को ड्यूटी पर लौटने में महज एक हफ्ते का वक्त लगेगा।

भारत ने कहा- चीनीसैनिकों को हाईलेवल पर बनी सहमति का पालन करना चाहिए था

  • भारत ने दो दिन में दूसरी बार गलवान की घटना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों में डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल से बातचीत जारी है।
  • विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि 6 जून को सैन्य कमांडरों की बातचीत हुई थी। इस बैठक में जो सहमति बनी थी, उसका चीन को पालन करना चाहिए था।
  • उन्होंने कहा कि गलवान में 15 जून की रात जो कुछ हुआ, उसका जिम्मेदार चीन है। अगर वह हाई लेवल पर बनी सहमति का ध्यान रखता तो यह नुकसान नहीं होता। श्रीवास्तव ने यह भी साफ किया है कि 23 जून को होने वाली रूस, चीन और भारत की मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे।
  • श्रीवास्तव ने बताया कि गलवान की घटना के बाद से ही लगातार दोनों पक्षों में बातचीत जारी है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा था कि हम शांति से मसला हल करना चाहते हैं। लेकिन, हम भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम चीन से उम्मीद करते हैं कि वह अपनी सीमा में ही गतिविधियां करे।

दोनों पक्षों के मेजर जनरलों ने 6 घंटे बातचीत की, लगातार तीसरे दिन हुई बैठक
चीन और भारत के मेजर जनरल ने गलवान विवाद को सुलझाने के लिए लगातार तीसरे दिन बैठक की। गुरुवार को यह मीटिंग करीब 6 घंटे तक चली। यह बैठक गलवान घाटी के करीब ही हुई है।इससे पहले बुधवार को हुई बातचीत में भीदोनों देशों के अफसरों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी।

चीन ने 3 दिन में तीसरी बार कहा- झड़प के लिए भारतीय जवान जिम्मेदार

  • चीन के विदेश मंत्रालय कीप्रवक्ताहुआ चुनयिंगनेगलवान झड़प परबयान दिया। उन्होंनेकहा कि भारतीय फ्रंट-लाइन के सैनिकों ने समझौता तोड़ा और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को पार कर उकसायाऔर अफसरों-सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद ही झड़प हुई और जान गई।उन्होंने कहा कि भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को कमजोर करके न देखे।
  • चीन की तरफ से तीन दिन में यह तीसरा बयान है, जिसमें उन्होंने इस झड़प के लिए भारत को जिम्मेदारठहराया।मंगलवार को दोपहर करीब 1 बजे हिंसक झड़प की खबर दुनिया के सामने आई थी। इसके बाद, चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।
  • इसके बाद बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियन ने कहा कि गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा। उन्होंने न केवल सीमा का उल्लंघन किया, बल्कि कमांडर लेवल की बातचीत का भी ध्यान नहीं रखा।

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Originally published on www.bhaskar.com

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