भारत और चीन के बीच सोमवार को मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत होनी है। 15 जून की रात को गलवान में दोनों देशों के सैनिकों की झड़प के बाद यह पहली हाईलेवल मीटिंग है। जाहिर है कि इसमें लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने का मुद्दा अहम रहेगा। गलवान में हुई झड़प में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए। हालांकि, उसने अभी तक किसी सैनिक के मारे जाने की बात नहीं कही है।
झड़प के पहले3 मीटिंग हुईं
पहली:6 जून
कहां हुई थी: चुशूलसेक्टर में चीन की सीमा में नियंत्रण रेखा से 20 किमी दूर स्थित मोल्दो में हुई।
किस स्तर की बातचीत थी:लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की।
उसमें क्या चर्चा हुई:शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाकर रिश्ते आगे बढ़ाए जाएं।
दूसरी: 10 जून
कहां हुई:पूर्वी लद्दाख के पास भारतीय सीमा के अंदर।
किस स्तर की बातचीत हुई:मेजर जनरल स्तर की।
क्या चर्चा हुई:सीमा विवाद कैसे सुलझाया जाए और सैनिकों की संख्या कैसे कम की जाए।
तीसरी: 12 जून
कहां हुई:लोकेशन पता नहीं चल पाई।
किस स्तर की बातचीत हुई:मेजर जनरल स्तर की।
क्या चर्चा हुई:गालवान इलाके में 3 जगहों पर विवाद कैसे सुलझाया जाए।
15 जून के बाद भी चर्चाओं का दौर चला
भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच 3 बार मेजर जनरल स्तर बातचीत हुई।इसमें किस मुद्दे पर बात हुई, इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई।
झड़प के बाद चीन का 5 बार दावा- गलवान घाटी हमारी
- 19 जून को देर रात कहा- गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएससी) से हमारी तरफ है। भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड-ब्रिज बना रहे हैं।
- 19 जून को ही कहा- सही क्या है और गलत क्या, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है।
- 18 जून को कहा था- भारत के फ्रंटलाइन सैनिकों ने समझौता तोड़ा।एलएसीपार कर उकसाया और अफसरों-सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद ही झड़प हुई और जानें गई।
- 17 जून को कहा- गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा।
- 16 जून को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।
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