भारत में जैसे ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होता है, वैसे ही अवैध और काले कारनामों का काम शुरु हो जाता है। अंदर खाने नेताओं और गुंडों के बीच डील होती है, बिजनस व्यापारियों से वसूली होने लगती है। टिकट लेने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए जाते है। वोटरों को किसी भी तरह से लुभाया जा सके, उसका पूरा खेल रचा जाता है। मतदाता चाहे, किसी भी तरीके से पार्टी को वोट दें उसकी पूरी तैयारी की जाती है और फिर शुरु होता चुनावों के दौरान काले कारनामे का खेल। करोड़ों की नकदी, अवैध शराब, नशीली दवाओं और न जाने किन-किन तरीकों से अवैध धंधों की शुरुआत होती है और शुरु हो जाता है, वोटों की खरीद का सिलसिला।
चुनावों के दौरान भारत में हमेशा अवैध काम शुरु हो जाते है। हालांकि, चुनाव आयोग अपनी पैनी नजर हर तरफ बनाए रखता है। चुनाव आयोग को भी पता है कि राजनीति पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए कभी नकदी तो कभी शराब और ड्रग्स का इस्तेमाल करते है। इसके साथ ही टिकट पाने के लिए उम्मीदवारों द्वारा भी करोड़ों रुपए राजनीतिक पार्टियों को दिया जाता है, ये भी किसी से छिपा नहीं है। 2019 लोगसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरु कर दी थी। यही कारण है कि पहले चरण के चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग बड़ी सफलता हाथ लगी है।
आपको बता दें कि ये आंकड़ा आचार संहिता लागू होने के बाद से की गई कार्रवाई का है, जिसमें देश के हर राज्य से बरामद किए गए रुपये शराब और नशीली दवाएं शामिल हैं। इन सभी चीजों का इस्तेमाल चुनाव में इस्तेमाल के लिए एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा रहा था। हालांकि इसके पहले की इसका इस्तेमाल हो पाता, इस अवैध काम पर चुनाव आयोग की नज़र पड़ गई। चुनाव की तारीकों के ऐलान के बाद अभी तो केवल कुछ ही दिन बीते है। अभी तो सातों चरणों के चुनाव होना बाकि है।