गाजियाबाद (09-03-2018)- नामी संस्थान आईबीएम के एक कथित कर्मचारी गोविंद कुमार अग्रवाल पर फ़र्ज़ीवाड़े के आरोप लगे हैं। इस मामले में पीड़ित उमेश त्यागी के वकील ख़ालिद ख़ान द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़ धोखाधड़ी के इस मामले में अदालत ने गोविंद और उसके 5 दूसरे साथियों के ख़िलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत समन और वांरट जारी कर दिये।
गाजियाबाद के जाने माने एडवोकेड ख़ालिद ख़ान के मुताबिक़ गोविंद कुमार अग्रवाल ने लोनी इलाक़े की 0.0190 हेक्टेयर भूमि की फर्जी पॉवर ऑफ अटारनी बनवाई और रजिस्ट्रार की फर्जी मोहर और हस्ताक्षर तक करके इस पर फर्जी तौर पर नोटेरी का सत्यापन करते हुए उमेश त्यागी व अन्य से 6 लाख रुपए ठग लिये। इस मामले में ए.सी.जे.एम-प्रथम गाजियाबाद कोर्ट ने गोविंद और उसके 5 दूसरे साथियों को आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी में मुल्जिम मानते हुए वारंट और समन जारी कर दिये थे। ख़ालिद ख़ान ने बताया कि इसके बावजूद गोविंद कुमार ने अदालत में पेश होने के बजाए फर्जी तौर झूठे गवाहों के आधार पर उमेश त्यागी आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इतना ही नहीं गोविंद ने अपनी पत्नी और अपने ससुर नरेंद्र सिंहल तक की पहचान अपनी पत्नी और ससुर के रूप में छिपाते हुए उनको भी इस मामले में फंसा दिया।
गौरतलब है कि गोविंद की पत्नी ने गोविंद कुमार अग्रवाल के खिलाफ फर्जी तौर पर पासपोर्ट बनवान, दहेज मांगने, धोखाधड़ी और कई दूसरे मामलों में गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली की अदालतों में मुकदमे दर्ज कराए हुए हैं। इस फर्जी मुकदमें की जांच के दौरान गोविंद ने अपनी पत्नी की न सिर्फ पहचान कबूल की बल्कि उसको अपनी पत्नी होना भी स्वीकार किया। जिसके बाद इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश के बाद गाजियाबाद की अदालत ने गोविंद कुमार को तलब किया है।
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