OPPOSITION NEWS
– रेत धूल कंकड़ पत्थर सब सोना कर दूंगी।
-जादूगरनी हूं मैं जादू टोना कर दूंगी/। शैलजा सिंह
तारांजलि फाउंडेशन गाज़ियाबाद और नारायणी साहित्य अकादमी के सौजन्य से
भागीरथी सांस्कृतिक मंच, गोरखपुर की एन.सी.आर. नई दिल्ली इकाई की प्रथम काव्य गोष्ठी का आयोजन सेक्टर 5 वसुंधरा के परिवहन अपार्टमेंट में संपन्न हुई।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि नीरज त्यागी रहे वअध्यक्षता नारायणी साहित्य अकादमी की संरक्षक डॉ कुसुम जोशी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन करके हुई। तारांजलि फाउंडेशन की अध्यक्ष कवयित्री समाजसेवी श्रीमती शैलजा सिंह ने अपनी सुमधुर आवाज में मां को समर्पित गीत प्रस्तुत किया।
तत्पश्चात वरिष्ठ कवि व पूर्व बी एस एफ जवान डॉ जनार्दन यादव ने वीर सैनिकों के सम्मान में शहादत गीत प्रस्तुत किया – –
मेरे सर पर शहादत की तिलक है गौर से देखो ,
हवा चुप हैं फिजाओं में कसक है गौर से देखो।
वरिष्ठ कवि डॉक्टर सुधीर त्यागी,जो पेशे से सर्जन भी है , ने वक्त पर एक गहरा प्रश्न खड़ा किया अपने इस शेर से-
हम वक्त से डर जाते हैं मालूम नहीं क्यूं,
बेमौत मर जाते हैं , मालूम नहीं क्यूं ।
तारांजलि फाउंडेशन की संरक्षक वरिष्ठ कवियत्री साहित्यकार डॉ. तारा सिंह “अंशुल” ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए यह गीत पढ़ा –
कान खोल कर सुन ले पाक अंतिम यह संदेश हमारा ,
कभी न चूहों से हारेगा शेरों का यह देश हमारा ।
वरिष्ठ कवियत्री व नारायणी साहित्य अकादमी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा सिंह विशेन ने अपने गीत में अपनी कसम दुहराई –
हिंद की बेटी हूं मैं, हिंदुस्तान बिखरने नहीं दूंगी ,
मां भारती की कसम अरि को संवरने नहीं दूंगी।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि नीरज त्यागी ने चेहरों की बात यूं की —
बाजार में तो यूं ही चेहरे पर एक चेहरा ,
प्याज के मानिंद अब परत परत चेहरा ।
अध्यक्षता कर रही वरिष्ठ कवियत्री डॉ. कुसुम जोशी ने जीवन का फ़लसफ़ा बयां किया —
हंसी हमारी /आईना है जीवन का /हंसे – हंसाये/ जरूरी है, बहाना ये जीने का —-
जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनमें – श्रीमती शैलजा सिंह ने अपने अंदाज़ में गीत “जादूगरनी हूं मैं जादू टोना कर दूंगी आसमान के सूरज को भी बौना कर दूंगी”
रेत धूल कंकड़ पत्थर सब सोना कर दूंगी।
पढ़ कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। प्रेमनाथ द्विवेदी ने नजर उठी ही नहीं वो नजरा गयी,
पल भर उठी पलके वो शरमा गयी,
तिरक्षी निगाहों से क्या देखा उसने,
कि मेरी नजर बस उसी पे आ गयी।
नवोदित कवयित्री सुश्री अंजली गुप्ता, हिमांशु बत्रा ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को विमर्श करने पर विवश कर दिया। डॉ.सत्य नारायण पथिक श्रोताओं को झकझोर दिया । #hindipoetry #hindipoems #hindipoet #hindiliterature #oppositionnews #ghaziabadnews