

राजस्थान सरकार ने बुधवार को राज्य की सीमाओं पर आवाजाही में सख्तीकरने का आदेश जारी किया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ गईकि राज्य में कर्फ्यू लगने वाला है। इसका असर ये हुआ कि गुटखालेने वालोंने सोशल डिस्टेंसिंग भुलाकर दुकानों पर भीड़ लगा दी।दुकानदारों ने भी ब्लैकमार्केटिंग शुरू कर दी।
कई जिलों में ये स्थिति देखी गई कि गुटखे का 130 रुपए का पैकेट 300 रुपए में और 215 रुपए पैकेट 450 रुपए में बिका। दोपहर तक आधे से ज्यादा दुकानदारों कास्टॉक खत्म हो गया और उन्होंने दुकानें बंद कर दीं।
कोटा: शाम 4 बजे तक बाजार में गुटखा खत्म हो गया
कर्फ्यू की अफवाह से वैसे तो सभी दुकानों पर भीड़ देखी गई, लेकिन गुटखा लेने वाले ज्यादा थे। शाम 4 बजे तक शहर की ज्यादातर दुकानों पर गुटखा खत्म हो गया।
सीकर: पुलिस को भीड़ कंट्रोल करनी पड़ी
जिले के कई गांवों और तहसीलों में गुटखे की दुकानों पर इतनी भीड़ हो गई कि पुलिस को दुकानें बंद करवानी पड़ीं। रानोली तहसील के पलसाना, रैवासा, सांगरवा, गोरियां और कोछोर में गुटखे के पाउच डबल रेट में बेचे गए। लोग सोशल डिस्टेंसिंग भी भूल गए।
झुंझुनूं: गुटखे की सेल तीन गुना हुई
जिले में रोज 32 करोड़ का कारोबार होता था, लेकिन बुधवार को 102 करोड़ का गुटखा बिका। गुटखा खरीदने के लिए लोग मास्क लगाना भी भूल गए। भीड़ बढ़ती देख दुकानदारों ने रेट चार गुना बढ़ा दिए। कुछ दुकानदारों ने ब्लैक मार्केटिंग करने के लिए माल दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।
सवाईमाधोपुर: दुकान बंद कर चोरी-छिपे गुटखा बेचा
भीड़ को देखते हुए कई दुकानदारों ने शटर खींच दी, लेकिन चोरी-छिपे गुटखा बेचते रहे। गुटखे के शौकीनों को डर था कि लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई तो गुटखे के लिए फिर से तरस जाएंगे, इसलिए वे किसी भी कीमत पर गुटखा खरीदना चाहते थे।
सीकर में गुटखा कारोबारी के ठिकानों पर छापा
मिराज और दिलबाग गुटखा के डीलर प्रदीप अग्रवाल के ठिकानों पर सीजीएसटी ने कार्रवाई की। दो दिन की कार्रवाई में दो गोदामों पर छापे मारे और करीब 12 लाख रुपए का गुटखा सीज किया। इस पर 100% के हिसाब से 12 लाख की ड्यूटी भी लगाई गई।
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