कोरानावायरस (कोविड-19) के प्रसार को रोकने व आपातकाल में रोगियों को सुविधाएं देने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे भी मैदान में आ गया है। रेलवे प्रशासन ने यांत्रिक कारखाने में खाली बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करना शुरू कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के कुल 216 कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाया जाना है। एक कोच में दस बेड तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा गोरखपुर समेत सभी केंद्रीय रेलवे अस्पतालों में 10 से 15 बेड के आइसोलेशन वार्ड तैयार हो चुके हैं। ललित नारायण मिश्र रेलवे केंद्रीय अस्पताल में 57 बेड का क्वारैंटाइन वार्ड भी तैयार किया गया है।
जहां पड़ी जरुरत, वहीं शिफ्ट हो जाएगा अस्पताल
सीनियर सेक्शन इंजीनियर प्रियंजन ने बताया कि, एक कोच में एक बार में 80 लोगों को आइसोलट किया जा सकता है। हर एक केबिन में एक पेशेंट रहेगा। साथ में तीन केबिन डॉक्टर्स टीम की होगी। ट्रेन की बोगी में बनाए जा रहे आइसोलेशन वार्ड सभी सुविधाओं से लैस होंगे और जहां भी जरूरत पड़ेगी, जहां हॉस्पिटल नही होंगे, वहां पर इस ट्रेन की रक्षक बोगी आइसोलेशन वार्ड को लगा दिया जाएगा।
कोच का नाम रक्षक रखा गया है। 20 कोच शनिवार तक आइसोलेशन वार्ड बनकर तैयार हो जाएंगे।
रेलवे कारखानों में ही बनेंगे मास्क और उपकरण
आइसोलेशन वार्ड बनाने के अलावा रेलवे पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण भी बना रहा है। गोरखपुर व इज्जतनगर स्थित यांत्रिक कारखाने में इसकी शुरूआत हो चुकी है। हर दिन 40 गाउन और 400 मास्क तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनका उपयोग रेलवे स्टेशनों, रेलवे अस्पतालों और रेल लाइनों पर कार्य करने वाले कर्मियों के लिए किया जाएगा।