Ghaziabad news गाजियाबाद(21 दिसंबर 2024) अपनी बेटी को शादी में अनोखा उपहार देकर एक बाप ने बनाई मिसाल, कुशलिया गांव के किसान शकील बेग ने अपनी बेटी जोया को लग्जरी कार ना देकर मेसी ट्रैक्टर दिया है।
जहां आज दहेज को कुरीति के तौर पर देखा जाता है इसके खिलाफ़ आवाजें भी उठती हैं मगर इसके कम होने के बजाय यह लगातार बढ़ रही है। लोग अपनी बेटियों को दहेज के नाम पर महंगे महंगे तोहफ़े देते हैं। लेकिन शकील बेग ने लीक से हटकर अपनी बेटी को ट्रैक्टर दिया है। शकील के मुताबिक ट्रैक्टर से उसकी बेटी के घर की आमदनी बढ़ेगी अगर वह कार देता तो उसका खर्च बढ़ता. भारतीय किसान यूनियन से जुड़े शकील बेग कहते हैं कि इसकी प्रेरणा उन्हें भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत से मिली है।
असल में मसूरी डासना के पास एक गाँव कुशलिया है। कुशलिया गांव में रहने वाले किसान शकील बेग ने गांव के ही साक़िब के साथ बेटी की शादी की है। शाकिब का परिवार भी खेत किसान है। धूमधाम से हुई इस शादी को शकील बेग की नई सोच ने खास बना दिया। उन्होंने बेटी को कोई महंगी कार देने के बजाय ट्रैक्टर तोहफे में दिया है। शकील बेग का कहना है कि कार किसान का खर्च बढ़ाती है और ट्रैक्टर उसकी आमदनी। बेटी के परिवार की खुशहाली के लिए ट्रैक्टर भेंट किया है ताकि परिवार को खेत का काम करने सहुलियत हो सके।
शकील बेग के मुताबिक हमारा परिवार भारतीय किसान यूनियन से जुड़ा हुआ है। टिकैत साहब हमेशा कहते हैं कि ट्रैक्टर किसान का टैंकर होता है, किसान का जहाज होता है। टिकैत साहब फ़ज़ूल ख़र्ची के भी खिलाफ रहते हैं, उन्होंने कभी किसानों से नहीं कहा कि कार अच्छी होनी चाहिए, हमेशा बोलते हैं- अपना ट्रैक्टर अच्छा राक्खो।
शकील का कहना है कि तोहफे में कार देने पर बेटी के परिवार पर खर्च का बोझ बढ़ता, ऐसा तोहफा देकर वे बेटी के ससुराल वालों पर फिजूल का बोझ नहीं डालना चाहते थे। ट्रैक्टर उनके खेतीबाड़ी के काम के बोझ को हल्का करेगा। इसके जरिए उन्होंने किसानों को अच्छा संदेश देने का प्रयास किया है।
दूल्हे साक़िब के पिता शाहिद प्रधान भी तोहफे में ट्रैक्टर पाकर खुश हैं। वह भी यही कहते हैं कि किसी किसान के लिए इससे बड़ा तोहफा और क्या हो सकता है।