- ghaziabad newsगाजियाबाद (12जनवरी2023) केंद्रीय राज्यमंत्री और ग़ाज़ियाबाद के सांसद जनरल डॉ. वीके सिंह और इसी सीट पर चार बार सांसद रहे डॉक्टर रमेश चंद तोमर का जिस तरह से मिलन हुआ है उससे दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक नए राजनीतिक समीकरण का उदय हो गया है। दोनों नेताओं मिलन के बाद जहां राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर गाजियाबाद की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा? साथ ही केंद्रीय मंत्री को टारगेट करने वाले राज्यसभा सांसद व भाजपा नेताओं का क्या रुख होगा। इस पर भी चर्चा हो शुरू गई है। हालांकि राजनीतिक समीक्षक अभी से वीके सिंह और तोमर के मिलन के बाद अपने अपने तरीके से कयास लगा रहे हैं ।
पिछले दिनों गाजियाबाद बीजेपी में एक सियासी जंग छिड़ गई थी, जिसमें राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल पूर्व मंत्री व शहर विधायक अतुल गर्ग साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा समेत कई जनप्रतिनिधि कथित तौर पर वीके सिंह के खिलाफ आ गए थे। कहा जाता है कि इन लोगों द्वारा विधान परिषद सदस्य दिनेश गोयल के आवास पर जाकर महापौर के लिए महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के नाम पर सहमती के नाम पर प्रस्ताव तैयार किया गया था। जिसके बाद गाजियाबाद में भाजपा राजनीति में एकदम हड़कंप मच गया था । साथ ही काफी छीछालेदर भी हुई थी क्योंकि अगले ही दिन विधान परिषद सदस्य दिनेश गोयल ने इन लोगों पर कई तरह के गंभीर आरोप लगा दिए थे। मामला हाईकमान तक पहुंचा था हालांकि जनरल वीके सिंह इस मामले में खुलकर कुछ नहीं बोले थे, लेकिन उन्होंने यह संदेश दे दिया था कि राजनीति में भी वह किसी से कम नहीं है।
अब उनकी राजनीतिक परिपक्वता का एक और उदाहरण सामने आया जब उन्होंने चार बार के संसद रहे डॉक्टर रमेश चंद तोमर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर मिलकर गाजियाबाद के विकास के लिए चर्चा की। इस खबर के बाद गाजियाबाद की राजनीति में नया दौर शुरू हो गया। राजनीति समीक्षक कहते हैं कि आगे क्या होगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि वीके सिंह यह संदेश देने में कामयाब हो गए हैं अपने विरोधियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो चुके हैं । हालांकि बार पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भी उनके खिलाफ माहौल बनाने का असफल प्रयास किया था। माहौल बनाने वालों में यही गुट शामिल था। इस गुट ने वीके सिंह का हाईकमान ने विरोध किया था और उनको टिकट दिये जाने का विरोध किया था लेकिन वीके सिंह ने पुनः टिकट हासिल कर सबका मुंह बंद कर दिया था और जो उनके विरोधी थे टिकट मिलने के बाद उन्हीं के लिए वोट मांगते नजर आए थे।
हालांकि डॉक्टर रमेश चंद तोमर का कहना है कि वह और डॉ वीके सिंह का जो मिलन हुआ है उससे गाजियाबाद के विकास को चार चांद लगाएंगे । दोनों मिलकर गाजियाबाद की जनता और गाजियाबाद के विकास के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे। ठोस रणनीति बनाकर ज्यादा से ज्यादा काम होगा। डॉक्टर रमेश चंद तोमर कहते हैं कि एक और एक ग्यारह होते हैं इसलिए अब उनका वीके सिंह जी के साथ मिलकर प्रयास होगा कि गाजियाबाद की जनता को जबरदस्त विकास मिले। सड़कें चौड़ी हो, स्टेडियम हो, कमिश्नरेट जो हाल ही में सृजित की गई है उसको बेहतरीन ढंग से लागू कराया जाए ताकि शहर में कानून व्यवस्था बिल्कुल बेहतरीन हो सके। उधर राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि जिस तरह से यह दो बड़े दिग्गज एक साथ एक पाले में आए हैं । उससे निश्चित तौर पर न केवल गाजियाबाद बल्कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के भाजपा राजनीति पर सकारात्मक असर पड़ेगा। कहीं ना कहीं भाजपा को इसका लाभ होने का संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता । 2024 के लोकसभा चुनाव पर इस एकीकरण का सकारात्मक का असर भी होने की पूरी पूरी संभावना है। अब यह तो वक्त बताएगा कि आगे क्या होने वाला है लेकिन राजनीतिक समीक्षकों की माने तो इन दोनों दिग्गजों के मिलन से विरोधियों के तोते उड़े हुए हैं और वह भी इन दोनों को घेरने के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गए।
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