ghaziabad news गाजियाबाद(8 मार्च 2023) होली पर हादसों की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर की ओर से सभी सरकारी चिकित्सालयों पर 24 घंटे चिकित्सक की मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही दवाओं का स्टॉक भी पूरा रखने के निर्देश दिए गए हैं।सीएमओ ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों को ऑन कॉल आने के लिए भी निर्देशित किया गया है। जिला एमएमजी चिकित्सालय में 10 बेड का एक विशेष वार्ड तैयार किया गया है। इमरजेंसी के बेड भरने की स्थिति में इस विशेष वार्ड का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
होलिका दहन के अगले दिन दुल्हैंडी पर होली खेलते समय कई बार केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने पर या फिर होली के हुड़दंग में हादसे होने की आशंका रहती है। शराब पीकर वाहन चलाने और हुड़दंग के कारण हादसों की आशंका बढ़ जाती है। इससे इमरजेंसी में मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। इसको देखते हुए एमएमजी अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र कुमार, त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधा रानी, डॉ. एके दीक्षित और सामान्य सर्जन डॉ. अवधेश कुमार और डॉ. मिलिंद गौतम कि ड्यूटी इमरजेंसी में लगाई गई है।
जिला चिकित्सालय में आने वाले गंभीर मरीजों के लिए यह विशेषज्ञ चिकित्सक ऑन कॉल उपलब्ध रहेंगे। होली पर गंभीर मरीजों को भर्ती करने के लिए भी अस्पताल प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है। इमरजेंसी के अलावा 10 बेड कमरा नंबर 34 में आरक्षित किए गए हैं, ताकि इमरजेंसी में बेड फुल होने के बाद उन्हें कमरा नंबर 34 में शिफ्ट किया जा सके। जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. मनोज चतुर्वेदी ने बताया – बुधवार को रंगोत्सव के दिन इमरजेंसी में विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात रहेंगे।
केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग बढ़ा सकता है परेशानी : सीएमओ
गाजियाबाद(8 मार्च 2023) होली खुशी का त्यौहार है, इस मौके पर ऐसा कोई काम न करें जो परेशानी बढाने वाला हो। केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग करने से बचें। बाजार में बिक रहे सिंथेटिक रंग – गुलाल बनाने में खतरनाक केमिकल प्रयोग किए जाते हैं। केमिकल त्वचा पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। होली खेलने के लिए केवल हर्बल रंगों का प्रयोग करें। काले रंग के लैड ऑक्साइड का प्रयोग किया जाता है, जो त्वचा संबंधी एलर्जी और यादाश्त को प्रभावित कर सकता है। केमिकल युक्त रंगों में मौजूद कॉपर सल्फेट आंखों में एलर्जी और एल्यूमीनियम ब्रोमाइड स्किन कैंसर, क्रोमियम आयोडाइड अस्थमा और मरक्यूरिक सल्फाइड स्किन कैंसर का कारण बन सकता है।
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