Ghaziabad News गाजियाबाद7दिसंबर2024) हिंदुओं पर बांग्लादेश में जारी अत्याचार से क्रोधित जनपद का हिंदू समाज रविवार( 8 दिसंबर) को जन आक्रोश प्रदर्शन कर पूरे देश के हिंदुओं को जगाने के साथ ही केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर करेगा। समाज सेवी वीके अग्रवाल ने इस बारे में बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ़ लगातार भयंकर अत्याचार जारी है। वहां उनके प्रतिष्ठानों और दुकानों व मकानों को लूटा जा रहा है और आग लगाई जा रही है। हिंदुओं की हत्याएं की जा रही हैं। भाई के सामने बहन, बेटे के सामने मां,पति के सामने पत्नी व पिता के सामने बेटी का बलात्कार किया जा रहा है। उनके खेत खलिहान दुकान मकान आदि सब पर कब्जा किया जा रहा है। सरकारी नौकरी करने वाले हिंदुओं चाहे वो डॉक्टर हो, नर्स हो, इजीनियर हा या फिर थानेदार या सिपाही हो सभी को इस्तीफा देकर बांग्लादेश से भागने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अग्रवाल ने कहा कि बांग्लादेश नें 2025 तक सभी हिंदुओं को खत्म करने का प्लान बनाया है। हिंदुओं पर इस कदर अत्याचार होने के बाद भी कोई भी उनके समर्थन के लिए आगे नहीं आ रहा है। विश्व का कोई भी देश इसके खिलाफ़ आवाज़ नहीं उठा रहा है। यहां तक कि भारत भी बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जो राजनैतिक दल जरा जरा सी बातों को लेकर हंगामा खडा कर देते हैं, वे सब भी चुप्पी साधे बैठे हैं और इसका सिफ।एक ही कारण है और वह खुद हिंदुओं का कुभकर्णी नींद सोना है। भारत के टुकडे-टुकडे होते गए और अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश बनते गए मगर हिंदू या तो चैन की नींद सोते रहे या फिर आपस में ही लडते रहे। आज बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार के समय भी यही सब हो रहा है। हिंदुओं को पता नहीं कि अगर बांग्लादेश से हिंदू खत्म हो गए तो अगला निशाना पश्चिम बंगाल होगा। ठीक वैसे ही आज जैसे कश्मीर पर पाक का कब्जा है, पश्विम बंगाल पर बांग्लादेश का कब्जा होगा और धीरे-धीरे अन्य शहरों पर भी पाकिस्तान, बांग्लादेश के ही कब्जे होते चल जाएंगे। अतः अब समय आ गया है कि हिंदू अपनी कुंभकर्णी नींद से जागे। हिंदुओं को इस नींद से जगाने के लिए ही गाजियाबाद जनपद का समस्त हिंदू समाज रविवार 8 दिसंबर को कविनगर के रामलीला मैदान में भारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने गाजियाबद के सभी हिंदू समाज से प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की है। प्रेस वार्ता में
देवेंद्र हितकारी, भानु सिसोदिया, गुलशन भवरी, बलदेव राज शर्मा, हरिओम सिंह, अमित कटारिया, केके अरोड़ा, बीके शर्मा हनुमान,उदयवीर सिंह, राजीव तेवतिया,दयानंद शर्मा, महंत जीवनऋषि महाराज, महंत कैलाश गिरी महाराज, अशोक शास्त्री, विजय मोहन, सुभाष देशवाल, विवेक वशिष्ठ, रघुनंदन भारद्वाज आदि।