ghaziabad crime गाजियाबाद(10 फरवरी 2025) केन्द्रीय अर्धसैनिक बल बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बार्डर सिक्योरिटी फोर्स) नाम को इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति को थाना इन्दिरापुरम पुलिस टीम ने रविवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इस व्यकित ने अपना संगठन एंटी क्राइम ओर्गेनाइजेशन वसुन्धरा संरक्षण फांउडेशन (बार्डर सिक्योरिटी फोर्स) बना रखा है। जिसकी आड़ में यह आर्थिक लाभ कमाने की नियत से लोगों को अपने साथ जोड़कर उन्हे पुलिस के पहचान पत्र और वर्दी देकर धोखाधड़ी करता था। पुलिस ने एन्टी क्राईम आर्गेनाईजेशन के कार्ड अलग अलग लोगों के नाम से बनवाये हुये पहचान पत्र जिस पर पुलिस की वर्दी व होम मिनिस्टरी गवर्मेन्ट आफ इण्डिया प्रिंट है, 1 लैटर हेड एन्टी क्राईम आर्गेनाईजेशन (बार्डर सिक्योरिटी फोर्स ) रेड ऑफिसर ऑल इण्डिया प्रिंट है, और संगठन से सम्बन्धित दूसरे दस्तावेज़ बरामद हुए हैं ।
इस मामले की जानकारी देते हुए एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि “सोशल मीडिया से वायरल वीडियो की जाँच में पता चला कि एक व्यक्ति ने अपनी रजिस्टर्ड संस्था एंटी क्राइम ओर्गेनाइजेशन वसुन्धरा संरक्षण फांउडेशन बीएसएफ नागलोई दिल्ली के अपने इस संगठन का मुख्य रजिस्टर्ड कार्यालय विजयवाडा आंध्र प्रदेश और कार्यकारी कार्यालय मीर बिहार मुबाकरपुर दिल्ली में मौजूद होना प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने पुलिस कलर और पुलिस ड्रैस और पुलिस जैसे प्रतीक चिन्हों, केन्द्रीय अर्धसैनिक बल (बीएसएफ) को दिये जाने वाले पहचान पत्र पर होम मिनिस्ट्री गवर्नमैन्ट आफ इण्डिया अंकित कर लोगों को धोखाधडी की नियत व अनैतिक फ़ायदा उठाने के उद्देशय से जानबूझकर प्रचारित किया था। जिसपर संज्ञान लेते हुये थाना इन्दिरापुरम पर शनिवार को धार318, 319(2) बीएनएस में अभियोग दर्ज कर टीमें गठित की गई ।
जांच में पता चला कि वीडियो प्रसारित करने वाले सगंठन के संस्थापक यादराम आर्य है । जिस से केन्द्रिय अर्धसैनिक बल (बार्डर सिक्योरिटी फोर्स) नाम का इस्तेमाल करके अपना एक संगठन एंटी क्राइम ओर्गेनाइजेशन वसुन्धरा संरक्षण फांउडेशन बीएसएफ संगठन बनाकर लोगो को इसमे आर्थिक लाभ लेने की नियत से लोगो को साथ में जोडकर उन्हे पुलिस के पहचान पत्र व वर्दी देकर धोखाधडी कर आर्थिक लाभ लेने के लिए किया जा रहा था। शुक्र बाजार का रहने वाला यादराम आर्य मुबारक पुर डबास थाना प्रेमनगर दिल्ली को वसुन्धरा सेक्टर 2 सी से गिरफ्तार किया गया ।
पूछताछ के दौरान यादराम आर्य ने यह बताया कि वह लेडीज टेलर का कार्य करता था, काफी दिनों से आर्थिक लाभ लेते हुये संगठन बनाया था और लोगो को जोड रहा था व पहचान पत्र व वर्दी देकर उनसे 1100 रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम वसूलता था ।