Ghaziabad crime गाजियाबाद(21नवबर2024)गुरुवार को थाना साहिबाबाद पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को धरदबोचा है जो कि खुद को फर्जी डीजी रिटायर्ड बताकर न केवल पुलिस अधिकारियों पर अपना रौब झाड़ता था, और अपने लिए प्रोटोकोल लेकर अपने काम निकलवा कर रकम वसूलता था।
खुद को वह मणिपुर कैडर का आईपीएस होने के साथ ही विदेश मंत्री का क्लासमेट भी बताता था। जाँच पड़ताल में पुलिस को दिल्ली एनसीआर के अलावा दुबई तक के उसके कारनामों की जानकारी मिली है। उसके साथ उसका एक साथी भी गिरफ्तार किया गया है।
एडीसीपी पी दिनेश इस बारे में जानकारी दी है कि इस गिरफ्तार फर्जी डीजी जो कि ग्रेटर कैलाश का रहने वाला अनिल कटियाल है। उसका साथी विनोद कपूर भी उसके साथ गिरफ्तार हुआ है। जो हरियाणा। गुरुग्राम का रहने वाला है। अनिल कटियाल ने खुद को 1979 बैच का मणिपुर काडर का आईपीएस बताया था और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ट्रांस हिंडन से विनोद कपूर की सिफारिश की थी। उन्होंने बताया कि अनिल कटियाल का साथी विनोद कपूर दिल्ली कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक है और इसने दिल्ली, पालम, सरसावा एयरपोर्ट और ग्वालियर एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण जगह पर हैंगर रनवे कंपाउंड वॉल का निर्माण किया है। विनोद कपूर के खिलाफ थाना इंदिरापुरम में धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज है। उसी की सिफारिश के लिए अनिल कटियाल गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ट्रांस हिंडन से मिला था।
अनिल कटियाल की शिकायत पर दो पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए थे।
उन्होंने बताया कि अनिल कटियाल मूल रूप से डब्लूए -153 जीके फर्स्ट ,न्यू दिल्ली का निवासी है, इसके पिता चेतराम कटियाल एक आईआरएस अधिकारी रहे है, तथा अनिल कटियाल की प्राथमिक पढ़ाई सेंट कोलम्बस स्कूल तथा कालेज की पढ़ाई सेंट स्टीफन्स कालेज में वर्ष 1973 से 1978 तक हुई है। इसके उपरान्त अनिल कटियाल ने वर्ष 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें वह असफल रहा जिसके बाद वह वर्ष 1979 में पीएचडी करने के लिए येल यूनिवर्सिटी, यूएसए (YALE UNIVERSITY, USA) गया और वर्ष 1980 में पीएचडी की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत आ गया, उसके बाद अनिल कटियाल वर्ष 1980 से 2000 तक तत्कालीन नाम(हिन्दुस्तान लीवर) कम्पनी में प्रबन्धक के पद पर कार्यरत रहा तथा वर्ष 2000 से 2005 तक यामाहा कम्पनी में चीफ जनरल मैनेजर के तौर पर नियुक्त रहा तथा वर्ष 2005 से 2015 तक वोडाफोन कम्पनी में वाइस प्रैसिडेन्ट, कॉरपोरेट अफेयर्स के पद पर कार्य करते हुये सेवानिवृत्त हुआ । इसके बाद अभियुक्त अनिल कटियाल ने लोगों को ख़ुद को 1979 बैच का आईपीएस बताकर ठगना शुरू किया ।
उन्होंने बताया कि 20नवम्बर को थाना साहिबाबाद पर उनि नीरज राठौर पीआरओ पुलिस उपायुक्त,कार्यालय जोन ट्रांस हिण्डन कमिश्नरेट गाजियाबाद में आर्थिक लाभ कमाने एवं मुकदमे में अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अपनी सही पहचान छुपाते हुए अपने आप को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस बताकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने तथा पुलिस के विरुद्ध मुकदमा लिखवाकर आजीवन कारावास की सजा दिलाने की धमकी थी। जिस पर पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने उसकी कुंडली खंगाली तो मामला फर्जी निकला।